15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शास्त्री और आचार्य की डिग्री मान्य कराने को बीएचयू के छात्रों ने खोला मोर्चा

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय की शास्त्री-आर्चाय की डिग्री देश भर में आयोजति होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अमान्य है। ऐसे में ये डिग्री हासिल करने वाले छात्र-छात्राओ के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो गया है। इससे उत्तेजित छात्रों ने मंगलवार को संकाय बंद कराया और संकाय प्रमुख से मिल कर समस्या का समाधान कराने की मांग की।

2 min read
Google source verification
शास्त्री और आचार्य की डिग्री मान्य कराने को संकाय प्रमुख को ज्ञापन सौंपते छात्र

शास्त्री और आचार्य की डिग्री मान्य कराने को संकाय प्रमुख को ज्ञापन सौंपते छात्र

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

वाराणसी. संस्कृत शिक्षा माध्यम से स्नातक (शास्त्री) और परास्नातक (आचार्य) करने वाले छात्र-छात्राओं का संकट बढ़ा। देश भर में न इन्हें इस उपाधि से कहीं नौकरी मिल रही न ही ये किसी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो पा रहे हैं। ये संकट कई वर्षों से है। विद्यार्थी इस मुद्दे पर कई बार कुलपति और संकाय प्रमुख से मिले और समस्या समाधान की मांग की पर संकट का हल नहीं निकला। हाल ही में संपूर्णानंद संस्कृत विश्ववद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिल कर सेना में धर्म गुरु के पद पर विश्वविद्यालय के शास्त्री उपाधिधारकों को अमान्य किये जाने पर चर्चा की थी। अब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय (एसवीडीवी)के छात्र इसी मसले पर मंगलवार को उत्तेजित हो गए और संकाय को बंद कराने के बाद संकाय प्रमुख से मिल कर समस्या का समाधान निकलवाने की मांग की।

छात्रों का कहना है कि हमें वर्षो से दी जा रही शास्त्री और आचार्य की डिग्री को देश भर में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में मान्य नही किया जा रहा है। इससें हम सभी छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। ऐसे में इसी मुद्दे पर संकाय प्रमुख से मुलाकात कर समस्या समाधान की मांग की गई।

ये भी पढें- संस्कृत यूनिवर्सिटी के कुलपति मिले रक्षा मंत्री राजनाथ से, सेना में धर्मगुरु पद पर नियुक्ति के मसले पर की चर्चा

छात्रों की प्रमुख मांगे
1- शास्त्री और आचार्य की डिग्री को राष्ट्रीय स्तर पर मान्य कराया जाए
2- दोनों उपाधियों को मान्यता देने को देश के सभी राज्यों के शिक्षा विभाग, यूजीसी, शिक्षा मंत्रालय, भारतीय सेना, प्रतियोगी संगठन आदि को पत्र भेजा जाय।

शोध छात्र बोेले

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के शोध छात्र अधोक्षज पांडेय ने कहा कि” शास्त्री व आचार्य के छात्रों के साथ किया जा रहा भेद भाव उचित व न्यायसंगत नही है। अगर हम छात्रों के साथ जल्दी न्याय नही हुआ तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

शोध छात्र छात्र नेता शशिकान्त मिश्र ने कहा कि विगत कई वर्षो से शास्त्री व आचार्य की डिग्री धर्मशिक्षक पद के लिए अमान्य किया जा रहा है जो कि न्यायसंगत नही है। धर्मशिक्षक (सेना) शास्त्री ,आचार्य पर ही बनते हैं। हम प्रशासन से मांग करते है कि शास्त्री को स्नातक व आचार्य को परास्नातक करे “ अन्यथा हम सभी छात्र बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे।

हम सभी छात्र संकाय प्रमुख व विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह करते है कि जल्द से जल्द कार्रवाई हो ताकि संकाय से शास्त्री व आचार्य करने वाले छात्रों को नौकरी का मौका मिल सके।

संकाय प्रमुख को ज्ञापन सौंपने वालों में ये रहे प्रमुख

संकाय प्रमुख को ज्ञापन सौंपने वालों में शोध छात्र शुभम तिवारी, सतेंद्र मिश्र, प्रेम प्राकाश, ओमकार शास्त्री, आलोक, शिशू, दिलीप, रंजीत प्रसान्त आदि प्रमुख रहे।