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Controversy on Feroz Appointment in BHU: एसवीडीवी के दलित प्रोफेसर का आरोप आंदोलित छात्र मारने को दौड़े, FIR

-Controversy on Feroz Appointment in BHU: प्रोफेसर का आरोप, छात्रों ने जातिसूचक शब्दों का किया प्रयोग

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प्रो साल्वी

प्रो साल्वी

वाराणसी. Controversy on Feroz Appointment in BHU प्रकरण में सोमवार को नया मोड़ आ गया। अब तक एक महीने से लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग के समर्थन में आंदोलन कर रहे संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के छात्रो पर वहीं के एक दलित प्रोफेसर ने हमले की कोशिश और जातिसूचक शब्दों के साथ गाली गलौज करने का आरोप लगाया है। हालांकि आंदोलनकारी छात्रों ने इससे इंकार किया है।

इस बीच पीड़ित असोसिएट प्रोफेसर ने बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर की ओर लंका थाने में थाने में तहरीर दी है। तहरीर में उन्होंने छात्रों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्रिका ने लंका एसओ भारत भूषण तिवारी से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने बताया कि तहरीर मिल गई है, एफआईआर दर्ज की जा रही है। एफआईआरर दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के दलित प्रोफेसर डॉ शांति लाल साल्वी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह खुद पर संकाय के छात्रों द्वारा जानलेवा हमले की कोशिश का आरोप लगाया है। डॉ साल्वी उस वीडियो में बता रहे हैं कि वह संकाय में ही थे तभी कुछ छात्र वहां पहुंचे और बाहर निकलने को कहा। वह जब बाहर निकले तो करीब 400-500 की तादाद में लड़कों ने उनका पीछा किया जिसमें कुछ लड़कों के हाथ में ईंट-पत्थर भी थे। वो लगातार अपशब्द बोल रहे थे, साथ ही जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। किसी तरह वह साथी के बाइक से मौके से निकलने में सफल रहे।

इस मामले में विश्वविद्यालय के दूसरे गुट के छात्रों ने घटना की निंदा की है। कहा है कि यह घटना अत्यंत निंदनीय और घृणित है, इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। उन्होंने विश्वविद्यालय तथा पुलिस प्रशासन से हमले की कोशिश व गालीगलौज करने व जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले छात्रों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।

उधर आंदोलित छात्रों ने इसे साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने किसी शिक्षक पर न हमला किया न ऐसी कोई कोशिश की। विश्वविद्यालय प्रशासन उनके आंदोलन को तोड़ने के लिए यह दुष्प्रचार कर रहा है।

इस मामले में जब बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो ओपी राय से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ जबकि पीआरओ डॉ राजेश सिंह कहीं व्यस्त रहे।