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लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को याद आयी सोशल इंजीनियरिंग, कई नेताओं के पद बदलने की तैयारी

पीएम नरेन्द्र मोदी के पूर्वांचल दौरे के बाद हो सकता है ऐलान, संसदीय चुनाव में कट सकते हैं दिग्गज नेताओं के टिकट

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PM Narendra Modi and Amit Shah

PM Narendra Modi and Amit Shah

वाराणसी. लोकसभा चुनाव 2019 के पास आते ही बीजेपी को फिर से सोशल इंजीनियरिंग की याद आने लगी है। पहले की तरह फिर से बीजेपी ने पिछड़ो व दलित नेताओं को आगे करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। बीजेपी ने पहले ही संकेत दिया है कि संसदीय चुनाव में कई सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं इस सूची में पूर्वांचल के दिग्गज नेता भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी गिनती बीजेपी के बड़े नेताओं में होती है।
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पीएम नरेन्द्र मोदी 14 जुलाई से पूर्वांचल दौरे पर निकलने वाले हैं। आजमगढ़ व बनारस में पीएम मोदी की चुनावी सभा होगी। साथ ही पीएम मोदी हजारों करोड़ की सौगात भी देंगे। पीएम मोदी का दो दिवसीय पूर्वांचल दौरा जब खत्म हो जायेगा। इसके बाद बीजेपी में फेरबदल की बयार बह सकती है। सियासी जगत में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को राज्यपाल बनाये जाने की भी चर्चा है। बीजेपी के लिए सबसे बड़ी परेशानी राहुल गांधी, अखिलेश यादव व मायावती का महागठबंधन है। सपा बसपा ने सोशल इंजीनियरिंग को मजबूत करने के लिए निषाद पार्टी जैसे दल को भी जोड़ा है साथ ही अन्य जाति के दलों को भी जोडऩे की तैयारी है। बीजेपी ने यूपी चुनाव जितने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रदेश की कमान सौंपी है। प्रदेश अध्यक्ष डा.महेन्द्रनाथ पांडेय को बनाया है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को छोड़ दिया जाये तो बीजेपी का ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा व अनुप्रिया पटेल की अपना दल से सहयोग लेना पड़ता है। बीजेपी ने अब फिर से अपनी सोशल इंजीनियरिंग को मजबूत करने की योजना बनायी है जिसकी घोषणा जल्द हो सकती है।
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दिग्गज सांसदों के काटे जा सकते हैं टिकट
बीजेपी ने पहले ही संकेत दिया है कि रिपोर्ट खराब मिलने पर सांसद के टिकट काट दिया जायेंगे। इस सूची में वह बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं जिन्हें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के विरोधी खेमे का माना जा सकता है। इन नेताओं की आयु भी अधिक हो रही है इसलिए उम्र के आधार पर भी टिकट कट सकता है। बीजेपी के एक बड़े नेता पर भी सबकी निगाहे लगी है, जिनका पुत्र विधायक बन कर राजनीति की दुनिया में प्रवेश किया है। चर्चा है कि सुभासपा के हमले के पीछे भी इसी नेता का हाथ माना जा रहा है और बीजेपी लोकसभा चुनाव में ऐसे नेताओं को सम्मानित पद देकर सक्रिय राजनीति से विदा कर सकती है।
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