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बीजेपी ने खास कारण से पीएम नरेन्द्र मोदी के रोड शो में नहीं नामांकन में दिखायी एनडीए की शक्ति

locationवाराणसीPublished: Apr 26, 2019 04:39:23 pm

Submitted by:

Devesh Singh

सहयोगी दल के बड़े नेता हुए शामिल, जानिए क्या है कहानी

PM Narendra Modi

PM Narendra Modi

वाराणसी. बीजेपी ने खास कारणों से पीएम नरेन्द्र मोदी के रोड शो की जगह नामांकन में एनडीए का शक्ति परीक्षण किया है। शुक्रवार को पीएम नरेन्द्र मोदी के नामांकन में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, शिरोमणि अकाल दल का अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल, लोक जनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आदि नेता शामिल थे। एनडीए के नेताओं की मौजूदगी में ही प्रधानमंत्री ने नामांकन किया है। पीएम मोदी ने वरिष्ठ नेता होने के कारण प्रकाश सिंह बादल व अपनी प्रस्तावक अन्नपूर्णा शुक्ला का पैर छू कर आशीर्वाद लिया।
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बीजेपी ने खास रणनीति के तहत ही नामांकन के दिन एनडीए के नेताओं को बुलाया था। नामांकन से एक दिन पहले 25 अप्रैल को पीएम नरेन्द्र मोदी ने लंका से गौदोलिया तक रोड शो किया था। इस रोड शो में जबरदस्त भीड़ उमड़ी थी। यदि नामांकन में पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ एनडीए के अन्य नेता शामिल होते तो भीड़ का क्रेडिट बंट सकता था। विरोधी दलों के पास बीजेपी पर हमला करने का मौका मिल जाता। विरोधी दल कहते थे कि पीएम मोदी की लहर खत्म हो चुकी है इसलिए भीड़ जुटाने के लिए एनडीए का सहारा लेना पड़ा था। बीजेपी ने विरोधी दलों को बिना मौका दिये ही भीड़ जुटायी और उसका सारा क्रेडिट पीएम नरेन्द्र मोदी को गया।
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नामांकन के समय एनडीए के नेताओं के साथ रहने से गया खास संदेश
नामांकन के समय एनडीए के नेताओं के साथ रहने से खास संदेश गया था। पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम पर एनडीए एकजुट हैं। बीजेपी ने इस संदेश को देने में भी कामयाबी हासिल की है। एनडीए में अब पीएम नरेन्द्र मोदी को लेकर किसी तरह का मतभेद नहीं है। एनडीए के साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज , बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ आदि नेता भी उपस्थित थे। जो यह संदेश देने का प्रयास कर रहे थे कि पार्टी में किसी भी हाल में पीएम प्रत्याशी को लेकर किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। बीजेपी जानती है कि यूपी में उसकी राह आसान नहीं है। अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन के अलावा राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की जोड़ी भी बड़ी चुनौती है। ऐसे में बीजेपी ने एनडीए की ताकत दिखा कर विरोधी दलों को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि किसी दल को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में भी हम साथ रहेंगे।
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