27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बकरीद पर वाराणसी में ऊंट की कुर्बानी पर नहीं लगी रोक, 106 सालों से चली आ रही परंपरा

वाराणसी के चार इलाकों में ऊंटों की कुर्बानी दी जायेगी

less than 1 minute read
Google source verification
camel sacrifice

ऊंटों की कुर्बानी

वाराणसी. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में बकरीद के मौके पर खुले में जानवरों को काटने और गोवध पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्देश दिया है, बावजूद इसके इस साल वाराणसी में ऊंटों की खुले मैदान में बलि देने की प्रथा जारी रहेगी । इस बार भी वाराणसी के चार इलाकों में ऊंटों की कुर्बानी दी जायेगी, जिसके लिये जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है। जिलाधिकारी के मुताबिक उन्हें इस पर रोक लगाने के संबंध में कोई आदेश नहीं मिला है और यह परंपरा पहले की तरह चलती रहेगी।

वाराणसी के सलेमपुरा, जलालउद्दीनपुरा, मदनपुरा और धानीपुरा में इन ऊंटों की कुर्बानी दी जायेगी। ऊंटों की कुर्बानी की यह परंपरा 106 साल पुरानी है और 1912 में इसकी शुरूआत की गई थी। मिली जानकारी के मुताबिक सलेमपुरा इलाके में 23 और 24 अगस्त को ऊंटों की कुर्बानी दी जायेगी, वहीं मदनपुरा और जलालउद्दीनपुरा में बकरीद के अगले दिन कुर्बानी होगी। धानीपुरा में बकरीद के दो दिन बाद कुर्बानी दी जायेगी। सलेमपुरा इलाके में कुर्बानी देने वाले ग्राउंड में हर साल करीब 600 से 700 लोग जमा होते हैं, वहीं मदनपुरा के पचपेदवा ग्राउंड में करीब दो हजार लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। लोगों की भीड़ को लेकर जिला प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा है।

बता दें कि इस परंपरा के विरोध में काफी लंबे समय से आवाज उठती रही है। इस साल भी अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में अपर जिला मजिस्ट्रेट को वध पर रोक लगाने को लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया है।