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BHU कुलपति सुधीर जैन के खिलाफ धरने पर बैठे कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर ओम शंकर, जानें क्या है मामला 

UP News: BHU के हृदयरोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओम शंकर ने कुलपति सुधीर जैन के खिलाफ मौर्चा खोल दिया है।

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BHU strike

Varanasi News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के अस्पताल में पिछले 15 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे प्रोफेसर ओम शंकर को हृदयरोग विभाग (Cardiology Department) के विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर प्रोफेसर विकास अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से HOD नियुक्ति किया गया है। प्रो.ओमशंकर का कार्यकाल जुलाई 2024 में खत्म होना है। BHU प्रशासन की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है कि प्रोफेसर ओमशंकर पिछले कई दिनों से विभाग का काम नहीं देख रहे थे। वहीं BHU प्रशासन की ओर से जारी इस फरमान के बाद प्रो.ओमशंकर ने कुलपति सुधीर कुमार जैन के खिलाफ भी मोर्चा खोला। इसके साथ ही उन्होंने कुलपति सुधीर कुमार जैन पर कई आरोप लगाए हैं।

क्या है पूरा मामला?

IMS BHU के डायरेक्टर प्रोफेसर एसएन संखवार ने प्रो. ओम शंकर को HOD पद से हटाने के लिए कुलपति से संस्तुति की थी। प्रो.ओमशंकर पूर्वांचल के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट हैं। इसके साथ ही वह काफी लंबे समय से हृदय रोग विभाग के लिए अतिरिक्त बेड की मांग कर हैं। BHU और दिल के मरीजों की जान बचाने के मुद्दे को लेकर प्रो. ओमशंकर पिछले 15 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं। अनशन स्थल पर ही वो मरीजों का उपचार भी कर रहे हैं और इसके साथ ही हृदय रोग विभाग के जरूरी कार्यों का संपादन भी कर रहे हैं।

प्रो.ओमशंकर ने क्या कहा? 

हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ओमशंकर ने BHU के कुलपति प्रो.सुधीर कुमार जैन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सर सुंदर लाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा.केके गुप्ता पहले से ही प्रो. ओमशंकर के निशाने पर थे। एक मीडिया चैनल से बातचीत में प्रो.ओमशंकर कहते हैं, “आमरण अनशन के बावजूद मैं लगातार 24 घंटे काम कर रहा हूं, जबकि नियमों के मुताबिक हमारी ड्यूटी सिर्फ आठ घंटे की है। मरीजों के इलाज के साथ मैं आफिसियल वर्क भी कर रहा हूं। मेरे पास इसका साक्ष्य मौजूद है। हमारी कोई फाइल पेंडिंग नहीं है। झूठ बोलकर किसी विभागाध्यक्ष को उसके दायित्व से नहीं हटाया जा सकता है। यह आपराधिक कृत्य है। मेरा कार्यकाल 31 जुलाई 2024 तक है। मैं अभी भी अपने पद पर बना हुआ हूं। अगर किसी के खिलाफ एक्शन होना चाहिए तो वो हैं BHU के कुलपति प्रो.सुधीर कुमार जैन। हृदय रोगियों को पर्याप्त कक्ष आवंटित नहीं किए जाने की साजिश में सबसे संदिग्ध भूमिका उन्हीं की है। कार्रवाई भी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे कुलपति प्रो. सुधीर जैन पर होनी चाहिए।”