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छात्रा से रेप: स्कूल मैनेजमेंट पर कार्रवाई नहीं, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा-75 के तहत कार्रवाई की मांग

लहरतारा स्थित सनबीम स्कूल में कक्षा 3 की छात्रा से रेप की घटना को लेकर वाराणसी में अभिभावकों में आक्रोश है। लोग स्कूल मैनेजमेंट और बच्चों की सेफ्टी को लेकर सवाल उठा रहे हैं। प्रबंधन की घोर लापरवाही को लेकर स्कूल के मालिक दीपक मधोक और प्रिंसिपल परवीन कौशर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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Class 3 Student Rape Case No action taken on school management

Class 3 Student Rape Case No action taken on school management

वाराणसी. लहरतारा स्थित सनबीम स्कूल में कक्षा 3 की छात्रा से रेप की घटना को लेकर वाराणसी में अभिभावकों में आक्रोश है। लोग स्कूल मैनेजमेंट और बच्चों की सेफ्टी को लेकर सवाल उठा रहे हैं। प्रबंधन की घोर लापरवाही को लेकर स्कूल के मालिक दीपक मधोक और प्रिंसिपल परवीन कौशर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इतना बड़ा मामला होने के बाद भी स्कूल मालिक की तरफ ढीले रवैये सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक लोग लामबंद हैं। स्कूल सीसीटीवी कैमरे के दायरे में है। यह वाराणसी का बहुत नामी स्कूल है। इतने बड़े स्कूल में ऐसी हरकत ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा किया है। लोगों का मानना है कि जितना दोष बच्ची से रेप के अपराधी का है, उससे ज्यादा स्कूल प्रबंधन का भी दोष है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को स्कूल प्रबंधन की सजगता से रोका जा सकता था। इस रेप प्रकरण में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा-75 के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।

वाराणसी की दीवानी कचहरी के फौजदारी के अधिवक्ता अंशुमान त्रिपाठी ने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट की जिम्मेदारी होती है कि वह हर हाल में स्कूल में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जरूरी कदम उठाए। इस प्रकरण में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट-2015 की धारा-75 के तहत स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई हो। उधर, डीसीपी वरुणा जोन विक्रांत वीर ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रकरण की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश द्वारा गठित एसआईटी का वह नेतृत्व कर रहे हैं। सोमवार को निरीक्षण के लिए बाल आयोग की टीम स्कूल पहुंची थी।

समझें स्कूल प्रशासन की लापरवाही

- जिस फ्लोर पर क्लास वहां शौचालय नहीं। जिस वजह से उसे दूसरे फ्लोर जाना पड़ा।

- एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर पर छोटे बच्चों की निगरानी के लिए तैनात स्टाफ का पता नहीं।

- गर्ल्स शौचालय की साफ सफाई के लिए महिला स्वीपर नहीं।

- बच्ची शौच के लिए गई तो जिम्मेदारी संभालने वाले स्टाफ ने वहां से रेप के आरोपी को हटने के लिए नहीं कहा।

- स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी ठीक से नहीं हो रही।

- रेप के घटना की जानकारी मिलने पर स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोगों ने बच्ची के पिता के साथ सिगरा थाने जाकर पुलिस का सहयोग नहीं किया।

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