डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी
वाराणसी. आईआईटी बीएचयू के शताब्दी समारोह का उद्घाटन शनिवार को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस मौक पर उन्होंने आईआईटियंस को महामना की दृष्टि को ध्यान में रख कर देश के महाशक्ति बनाने का यत्न करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि तकनीकी का उपयोग मानव कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।
बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में आयोजित उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आईआईटियंस को देश की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए आगे आना चाहिए। महामना ने 1919 में इस परिसर में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की अब नई पीढ़ी का दायित्व है कि वह आगे के 100 साल का विजन लेकर काम शुरू करें।
मुख्यमंत्री ने टेक्निशीयंस से अपील की कि वो गोवंश की रक्षा के लिए काम करें। कुछ ऐसा यत्न करें कि गो वंश की रक्षा भी हो और उनके गोबर और गोमूत्र का मानव जीवन में उपयोग हो सके। कहा कि 2017 में यूपी की बागडोर संभालने के बाद मैंने गैर कानूनी स्लॉटर हाउस बंद करा दिया तो अब निराश्रित गोवंश सड़कों पर आ गए हैं। सवाल किया कि क्या इन निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए सहायक नहीं हो सकते? कुछ ऐसा सोचें कि सभी निराश्रित गोवंश एक स्थान तक रह सकें, उनकी नस्ल उत्तम हो। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उज्वला योजना में भी ये सहायक हो सकें। इनके गोबर से वो ईंधन तैयार हो जिससे लोग एलपीजी के तौर पर इस्तेमाल कर सकें। जहां इन निराश्रित गोवंश को रखा जाए वहीं ऐसा रीफिलिंग सेंटर भी स्थापित किया जा सके। साथ ही गोबर से जैविक खेती को बढ़ावा मिल सके। इस पर आप सभी को काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि तकनीकी का प्रयोग मानव जीवन में तो कारगर है ही साथ ही इसका सबसे बडा उपयोग भ्रष्टाचार मिटाने में है। उन्होंने प्रवासी भारतीय सम्मेलन के पीएम के संबोधन को दोहराते हुए कहा कि एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि केंद्र से जो 100 पैसा जरूरतमंदों के लिए रिलीज किया जाता है उसका 10 पैसा ही उन तक पहुंच पाता है। लेकिन उन प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के जड़ को तो पकडा लेकिन उसके समाधान का रास्ता नहीं निकाला। वो रास्ता पीएम मोदी ने निकाला और तकनीकी की सहयोग से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा दिया।
सीएम ने बताया कि 2017 में यूपी की सत्ता संभालने के बाद इस तकनीकी के मार्फत ही हमने आम आदमी तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सस्ता राशन पहुंचाना शुरू कर दिया है। अब तक शहरी क्षेत्र के 13000 कार्ड धारकों को सस्ता राशन मिलने लगा है ई-पास मशीन के जरिए। कहा कि अब ग्रामीण क्षेत्र के 80,000 कार्डधारकों को भी 28 फरवरी तक ई-पास मशीन के जरिए सस्ता राशन मिलने लगेगा। इसके लिए 110 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इस योजना से 500 से 700 करोड़ रुपये राजस्व की बचत हो रही है।
बताया कि इसी तरह स्ट्रीट लाइटों से हेलोजन वगैरह हटा कर एलईडी लगाने से ऊर्जा की बचत होने लगी है। यूपी में 16 लाख स्ट्रीट लाइट थी जिसमें आठ लाख स्ट्रीट लाइट को एलईडी से बदल दिया गया है। इससे 250 करोड़ रुपये की बचत हुई है। यह तकनीकी का ही कमाल है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह 2015 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया तो लोग मजाक उड़ा रहे थे, लेकिन जब मैने 2017 में यूपी की सत्ता संभाली गोरखपुर में जो एक बीमारी से केवल अगस्त महीने में हजारों बच्चे सरकारी अस्पातल में भर्ती होते थे और सैकड़ों की मौत होती थी। इस स्वच्छता अभियान के चलते अगस्त 2018 में महज 86 बच्चे भर्ती हुए जिसमें से केवल 06 की मौत हुई। दरअसल छोटी-छोटी चीजों पर कोई ध्यान नहीं देता था पर प्रधानमंत्री ने उन्हीं चीजो को लक्ष्य किया और देश की तस्वीर बदल दी। अब उनके स्वच्छता अभियान का ही कमाल है कि देश के साढे नौ करोड़ परिवारों में शौचालय हो गए साढे चार साल में। अब गांवों में गंदगी नहीं दिखती।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्वनाथ कॉरिडोर का जिक्र करते हुए कहा कि 1916 में जब बीएचयू की स्थापन के समय गांदी जी बनारस आए थे तो वह विश्वनाथ मंदिर भी गए थे, वहां जा कर उनका मन खिन्न हो गया। मंदिर की गंदगी और तंग गलियों का जिक्र उन्होने अपने एक नोट में लिखा था। उस नोट पर सौ साल तक किसी की नजर नहीं गई। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस पर 2016 में ध्यान दिया और मंदिर की गंदगी और तंग गलियों का स्वरूप बदलने का संकल्प लिया। आज पांच फीट की गली 50 फीट की सड़क में तब्दील हो गई है। यह बापू के सपने को साकार करने जैसा है।
इससे पूर्व आईआईटी बीएचयू पुरातन छात्र समागम के चेयरमैन नितिन मल्होत्रा ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने दौर की यादों को साझा भी किया। बताया कि किस तरह से महामना की तपोभूमि का हम सभी को फायदा मिलता था। उन्होंने बताया कि 1919 में महामना ने महामना ने टेक्निकल एजुकेशन की शुरूआत की थी। कहा, आज हम जो भी हैं मालवीय जी के चलते। हाल यह है कि आज यहां के 2000 छात्र कैलिफोर्निया और 12000 अमेरिका में हैं। पूरी दुनिया में आईआईटी बीएचयू की शोहरत है। बताया कि काशी की असि नदी के संरक्षण के लिए 80 करोड़ दिये हैं एक एल्यूमिनाई ने। अब अगले 100 साल करो या मरो का है। संस्थान के निदेशक प्रो प्रमोक कुमार जैन ने आईआईटी बीएचयू के विजन को रखा। बताया कि आगामी वर्षों में हम क्या करने जा रहे है।
समारोह की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। उसके बद पाणिनि कन्या विद्यालय की छात्राओं ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। फिर विसंगीत व मंच कला संकाय की छात्राओं ने कुलगीत प्रस्तुत किया। पहली बार आईआईटी बीएचयू की छात्राओं द्वारा दृष्टि गीत प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर दुनिया भर से आए करीब साढ़े पांच सौ पुरातन छात्र भी मौजूद रहे जिसमें 90 वर्षीय 1952 बैच के छात्र भी सप्तनीक आए थे।