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सीएम योगी ने लिया बड़ा एक्शन, 33 अभियंताओं के खिलाफ हुई कार्रवाई

कड़ाके की ठंड में पसीने से तरबतर हुए अधिकार, जानिए क्या है कहानी

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CM Yogi Adityanath

CM Yogi Adityanath

वाराणसी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है, जिसके चलते हड़कंप मच गया है। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का निरीक्षण करने के बाद ही एक्शन में आये सीएम योगी ने वर्षों से बदहाल व्यवस्था को ठीक करने के लिए ही यह कार्रवाई की है। फिलहाल मुख्यमंत्री की सख्ती से हड़कंप मच गया है और उम्मीद जतायी जा रही है कि व्यवस्था में बदलाव होगा।
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सीएम योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक के बाद जल निगम के ३३ अभियंताओं को चार्जशीट थमा दी गयी है। १० जाने में बिछाए गये पानी के पाइप लाइनों में अभी तक पेयजल की सप्लाई नहीं हुई है। वर्षों से चल रही योजना के नाम पर जमकर मजाक हो रहा था स्थिति इतनी खराब थी कि पेयजल पाइप के गैप तक दुरुस्त नहीं हुए थे। लोगों के घरों में पानी की सप्लाई नहीं होती थी और अधिकारी व ठेकेदारों ने मिल कर करोड़ों रुपये का खेल कर दिया था जिसके बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त तेवर दिखाये थे जिसके बाद ही जल निगम के एमडी ने इतनी बड़ी कार्रवाई की है। जल निगम के एमडी ने तीन अधीक्षण अभियंता, पांच एक्सईएन,10 एई व १15 जेई को चार्जशीट देने के साथ ही बनारस से संबंद्ध कर दिया गया है। सीएम योगी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। बसपा व सपा कार्यकाल में शहर के लोगों के पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ही यह योजना शुरू हुई थी और समय बीतता गया लेकिन लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा। अधिकारियों ने जमकर पैसों का खेल किया। अधिकारियों को लगा कि जब उनकी गर्दन फंस जायेगी तो दूसरे जिले में अपना तबादला करा लिया था, लेकिन सीएम योगी की निगाहों से ऐसे अधिकारी नहीं बच पाये हैं और उन्हें अब बनारस में आकर पूरा काम करना होगा। इसके बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई होना तय है।
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मायावती व अखिलेश ने भी नहीं की थी इतनी बड़ी कार्रवाई
बसपा सुप्रीमो मायावती व अखिलेश यादव ने भी इतनी बड़ी कार्रवाई एक साथ नहीं की थी। कार्रवाई इतनी कठोर है कि इसका अंदाजा सीएम योगी के तेवर से लगाया जा सकता है। जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी है उनसे अब रिकवरी करने की तैयारी है साथ ही प्रमोशन भी रोका जा सकता है। दूसरे जिले में तैनात अधिकारियों को अब बनारस में रह कर काम पूरा करना होगा। इसके बाद भी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके साथ ही जल निगम में पांच वर्षों से तैनात अधिकारियों की सूची भी सीएम योगी ने लखनऊ तलब कर ली है।
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जानिए क्या थी योजना और कितना हुआ काम
वर्ष 2010 में 139 करोड़ की योजना में काम शुरू हुआ था उस समय यूपी में बसपा की सरकार थी। वर्ष 2012 में सपा की सरकार आने के बाद भी काम चलता रहा। वर्ष 2015 में काम खत्म करने की बात कही गयी। इसके बाद भी दो दर्जन से अधिक क्षेत्र में पानी नहीं पहुंचा। पानी की टंकी तक बना दी गयी थी, लेकिन घरों तक पानी नहीं पहुंचा। यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही सीएम योगी ने दो बार अधिकारियों को चेतावनी दी थी, लेकिन किसी ने गंभीरता नहीं दिखायी। इसके बाद ही सीएम योगी ने इतनी बड़ी कार्रवाई की है, जिसके बाद से अन्य विभागों के अधिकारियों की नीद भी उड़ी हुई है।
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