
सीएम योगी आदित्यनाथ
वाराणसी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस तरह से दो दिनों तक पीएम के संसदीय क्षेत्र काशी में रुके। पंचक्रोशी यात्रा की। फिर किसानों को संबोधित किया और उस दौरान जिस अंदाज में केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाईं एक तरह से उनके लोकसभा चुनाव अभियान की ओर संकेत कर गया। पंडित दीन दयाल हस्तकला संकुल में जिले के 760 ग्राम प्रधानों को संबोधित करते हुए उन्होंने एक एक कर केंद्र सरकार द्वारा चार साल में लागू की गईं लगभग सभी योजनाओं का उल्लेख किया। साथ ही उन्होने अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं तो विपक्ष खास तौर पर कांग्रेस का नाम लिए बगैर उसे आड़े हाथों लिया। उन्होंने गांवों के विकास के लिए, गांव को स्मार्ट बनाने के लिए प्रधानों का आह्वान किया। साथ ही कहा कि गांव में गांव की समस्या का निदान निकाला जाए। इसके लिए महीने में एक दिन ग्राम समाधान दिवस आयोजित हो। संबोधन के दौरान उन्होंने पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण, सुदृढ़िकरण एवं सौन्दर्यीकरण के लिए 101 करोड़ का पैकेज के स्वीकृति की जानकारी दी। कहा कि इससे परिक्रमा के पॉचो पड़ाव का विकास सहित बुनियादी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम प्रधानों का आहवान किया कि गांव की सरकार यदि जागरूक हो जाय, तो गांव की तस्वीर बदलने में समय नही लगेगा। उन्होने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों को बिना भेदभाव एवं पारदर्शी तरीके से मुहैया कराने में ग्राम प्रधानों को सक्रिय भूमिका का निवर्हन करते हुए अपने-अपने ग्राम सभाओं को आदर्श गांव बनाने पर जोर दिया। गांववासियों की शिकायत एवं समस्याओं का गांव स्तर पर ही प्राथमिकता पर समाधान करने के लिए महीनें एक दिन गांव स्तर पर ग्राम समाधान दिवस आयोजित किए जाने की ग्राम प्रधानों से अपील की ताकि गांववासियों की समस्याओं का समाधान गांव स्तर पर ही निस्तारित हो सके और उन्हे बेवजह तहसील एवं जिला मुख्यालयों पर दौड़ना न पड़े।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय अपने वाराणसी दौरे के दूसरे व अन्तिम दिन बड़ालालपुर स्थित पं दीनदयाल हस्तकला संकुल में आयोजित ग्राम स्वराज अभियान एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजनान्तर्गत ‘‘ग्राम प्रधान संवाद’’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि गरीबी हटाओं का नारा 1970 में पहली बार आया, लेकिन देश से गरीबी नही हट सकी। उन्होने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि आजादी के 60 वर्षो में जितनी योजनाएं नही चली उससे कहीं अधिक जनकल्याणकारी योजनायें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 4 वर्ष के कार्यकाल में चलायी गयी है। उन्होने ग्राम प्रधानों से भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि विकास का कोई विकल्प नही हो सकता है। विकासपरक छवि यदि जनप्रतिनिधि की नही होगी, तो धीरे-धीरे उसकी लोकप्रियता समाप्त हो जायेगा। उन्होने ग्राम प्रधानों से कहॉ कि विधवा, दिव्यांग, किसान आदि पेंशन योजनाओं के पात्र लाभार्थियों को पेंशन योजना का लाभ, गरीब एवं मजलूम लोगो को राशन कार्ड की सुविधा सहित शासन द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओ का लाभ पात्र लोगो को मुहैया कराए जाने में वे अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें क्योंकि गांव की सरकार जब तक जागरूक नही होगी, तब तक शासन के इन योजनाओं की सफलता पूरी तरह नही मिलेगी।
उन्होंने ग्राम सभाओं को आदर्श गांव बनाने की अपील करते हुए सिद्वार्थनगर के हसुड़ी औसानपुर का उदाहरण दिया तथा बताया कि सिद्वार्थनगर का हसुड़ी औसानपुर जब स्मार्ट गांव हो सकता है, तो वाराणसी की गांव सभा क्यों नही। उन्होने ग्राम सभाओं में पेयजलापूर्ति की समस्या हर स्तर पर समाप्त किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि गांव सभाओं में लगे हैण्ड पम्पों के मरम्मत एवं रिबोंर कराये जाने का अधिकार ग्राम प्रधानों को मुहैया कराया गया है। ऐसी स्थिति में गॉव का कोई भी हैण्डपम्प बंद नही रहना चाहिए। उन्होने ग्राम सभाओं में पब्लिक एड्रेस सिस्टम एवं सीसीटीवी कैमरा लगवाने के लिए भी ग्राम प्रधानों से अपील की। सीएम ने कहा कि ग्राम पंचायतें आर्थिक रूप से बहूत सशक्त है, क्योंकि 20 हजार की आबादी वाले ग्राम पंचायतों को 14 वें वित्त से प्रतिवर्ष दो करोड़ की धनराशि मिलती है, जबकि एक विधायक को एक वर्ष में विधायक निधि से 1.40 करोड़ ही मिलता है। इसलिये ग्राम प्रधान के मात्र सक्रियता से गांवों की तस्वीर बदल सकती है।
सीएम ने कहा कि पं दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार करने का अभियान है ग्राम स्वराज्य अभियान। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य अभियान को जिसमें गांव की सरकार गांव के लोगो के हितों के बारे में निर्णय ले सके और शासन की योजनाओं का लाभ उन लोगो तक पहूचा भी सके। गांव का व्यक्ति सरकार के पास नही जाएगा, बल्कि सरकार गांवों के व्यक्ति तक पहुंचेगी। सरकार गांव तक जाएगी। उन्होने बताया कि ग्राम स्वराज योजना के पहले चरण में देश के 21500 एवं उत्तर प्रदेश कें 3387 गॉवों का चयन किया गया था। इन ग्राम सभाओं में शत-प्रतिशत लोगो तक शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहूूचाया जा सकता है। इस योजनान्तर्गत दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश के 13500 ग्राम सभाओं का चयन किया गया है।
उन्होने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विकास कार्यो पर प्रकाश डालते हुए कहॉ कि चार साल की अवधि में 1545 करोड़ रूपये के विकास योजनायें पूर्ण हो चुकी है। जबकि 11400 करोड़ रूपये की विकास योजनायें क्रमशः जून एवं दिसम्बर, 2018 तक पूरी हो जाएंगी। उन्होने शनिवार को अपने काशीवास के दौरान किये गये 84 कोसी पंचक्रोशी परिक्रमा की चर्चा करते हुए कहा कि पुरूषोत्तम मास में इसका बहुत महत्व है। उन्होने अपने पंचक्रोशी परिक्रमा को धार्मिक महत्व के साथ-साथ श्रंद्वालुओं को बेहत्तर सुविधा मुहैया कराये जाने के लिए पूरे परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण करने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि पूरे पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण, सुद्वृणीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य सरकार ने अपने हाथ में लिया है और इसके लिये 101 करोड़ का भारी-भरकम धनराशि स्वीकृत की गई है। इससे परिक्रमा के पॉचो पड़ाव का विकास सहित बुनियादी सुविधायें बढ़ाई जाएगी।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांवों को खूले में शौचमुक्त होने पर ग्राम प्रधान पिण्डरा विनय कुमार सिंह, बड़ागांव दीपक सिंह, हरहुआ संजय कुमार, चोलापुर शीला देवी, सेवापुरी रामप्रसाद, अराजीलाइन मीना कुमारी, काशीविद्यापीठ मुनक्का देवी एवं चिरईगांव अनमोल को 4000 रूपये प्रोत्साहन राशि सहित प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया। इसी के साथ काशीविधापीठ के प्रधान रामदुलार यादव एवं सेवापुरी के अनिल कुमार पटेल को पं दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण योजनान्तर्गत प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुबह वरिष्ठ अधिवक्ता राधेश्याम चौबे, साहित्यकार सुरेन्द्र प्रताप सिंह, ज्योतिषाचार्य डॉ चन्द्रमौली उपाध्याय, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ चूड़ामणि एवं पूर्व महानगर भाजपा अध्यक्ष कैलाश केसरी के आवास पर जाकर उनसे भेंट की।
Published on:
10 Jun 2018 06:00 pm
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