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बनारस के पं दीनदयाल अस्पताल में होगी एमआरआइ व सीटी स्केन की जांच, मरीजों के बचेंगे हजारों रूपये

ट्रिपल पी फार्मूला के जरिये दोनों मशीनों से जांच की सुविधा चौबीस घंटे उप्लब्ध रहेगी

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ट्रिपल पी फार्मूला के जरिये दोनों मशीनों से जांच की सुविधा चौबीस घंटे उप्लब्ध रहेगी

वाराणसी. बनारस में जनता को बेहतर स्वास्थ सुविधा उप्लब्ध कराने के लिए सरकार ने बड़ी सौगात दी है। अब पं दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में सीटी स्केन और एमआरआइ की सुविधा जल्द मिलने लगेगी। जिसके लिए मरीजों को निजी केन्द्रों का सहारा लेना पड़ता था। साथ अधिक पैसै खर्च करने पड़ते थे। अब इन दोनों मशीनों को लगाने के लिए शासन ने स्वीकृति दे दी है। इस मशीनों को ट्रामा सेंटर के पास नया भवन बनाकर लगाया जायेगा। स्वास्थ विभाग के एक अधिकारी ने बताय़ा कि ट्रिपल पी फार्मूला के जरिये दोनों मशीनों से जांच की सुविधा चौबीस घंटे उप्लब्ध रहेगी।

कई बार लिखा गया था पत्र

बतादें कि दीनदयाल अस्पताल में 2014 में ट्रामा सेंटर शुरू किया गया था। उस समय यहां एक्सरे की सुविधा थी। साथ ही सीटी स्केन मशीन भी लगाई गई थी। लेकिन 2016 में ये मशीन खराब हो जाने के बाद मरीजों को इलाज के लिए बीएचयू या फिर किसी निजी अस्पताल में रेफर किया जाता था। जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। मरीजों की स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रसानस ने शासन को कई बार पत्र लिखकर इन दोनों मशीनों को लगाने की मांग की थी। लेकिन इसमें लेटलतीफी होती ही जा रही है। आखिरकार अब इन मशीनों को लगाने के लिए स्वीकृति मिल गई है. अधिकारी ने बताया कि जैसे ही भवन बनकर तैयार हो जायेगा मशीनें लगा दी जायेंगी।

मरीजों को हजारों रूपये की होगी बचत

बता दें कि दीनदयाल अस्पताल में ये सुविधा शूरू हो जाने से मरीजों के हजारों रूपये की बचत हो जायेगी। एक एमआरआई रिपोर्ट के लिए मरीज को पांच से छह हजार रूपये तक खर्च करने पड़ते हैं। कई बार मरीजों के इलाज के साथ ही डाक्टर कई बार एमआरआइ रिपोर्ट कराने को बोलते हैं ऐसे में मरीज के हजारों रूपये इस तरह के रिपोर्ट में खर्च होते थे। इससे अब मरीज आसानी से इलाज करा सकेंगे।

क्या है एमआरआई मशीन

ज्यादातर एमआरआई मशीन एक लंबे ट्यूब की भांति नजर आता है जिसके सकरुलर भाग में एक बड़ा सा चुंबक लगा रहता है। एमआरआई के दौरान मरीज को टेबल पर लिटाकर एमआरआई स्थान पर ले जाता जाता है। जिस अंग का एमआरआई करवाना होता है, टेक्नीशियंस उस खास अंग पर क्वाइल लपेट देते हैं। क्वाइल इस मशीन का ही एक हिस्सा होता है जो कि एमआर सिग्नल पकड़ता है।