25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुरु का नाम सुनकर दंग रह जाएंगे आप, जेल में लगता है आज भी दरबार

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर देने की खबर से कई देशों में खलबली मच गई है। कई मुल्कों की पुलिस को उसकी तलाश है। आइए इन सबके बीच दाऊद इब्राहिम के गुरु कहे जाने वाले पूर्वांचल के माफिया के बारे में जानते हैं।  

3 min read
Google source verification
Dawood Ibrahim guru up subhash thakur know about him

एक ऐसा घोस्ट जिसे कई मुल्कों की पुलिस ढूढ़ रही हो, जिसके सिर अनगिनत अपराध हो, जिसे जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह कहा जाता हो। अचानक उसको जहर देकर मारने की खबर से खलबली मच जाना स्वाभाविक है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की। मीडिया के हवाले से कहा जा रहा है कि दाऊद के किसी करीबी ने ही उसे जहर दे दिया। वो अब अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।

लेकिन इन सब के बीच एक सवाल सबके मन में जरूर आया होगा की गुनाहों की दुनिया के इतने बड़े मॉन्सटर का कोई तो गुरू होगा ही। आखिर वो कौन है जिसने इतने बड़े डॉन को अपराध की एबीसीडी सिखाई? आइए जानते हैं उस शख्स के बारे में जिसे दाऊद का गुरू कहा जाता है।

यह भी पढ़ें: 4 माफिया जो रहे हैं दाऊद के करीबी, चौथा नाम उड़ा देगा आपके होश

इस माफिया को कहा जाता है दाऊद का गुरु
कहा जाता है कि 90 के दशक के आसपास वाराणसी से एक नवयुवक बड़ा आदमी बनने का सपना लेकर सपनों की नगरी मुंबई पहुंचता है। उस लड़के का नाम था सुभाष ठाकुर। सुभाष ठाकुर अपनी किस्मत आजमाने मुंबई आ चुका था। सुभाष की किस्मत ने उसे जुर्म की दुनिया में धकेल दिया। जवानी के दिनों में ही सुभाष ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया, जिसके बाद वह अंधेरी दुनिया से वापसी ना कर सका। अपराध की दुनिया में सुभाष ठाकुर आज भी एक बड़ा नाम है। कहा जाता है कि सुभाष ठाकुर उस वक्त मुंबई की जरायम की दुनिया में अपना एक ओहदा बना चुका था।

ठीक उसी समय मुंबई पुलिस के एक कांस्टेबल का बेटा अपराध जगत में अपना सिक्का जमाने के लिए निकल पड़ा। जिसका नाम था दाऊद इब्राहिम। दाऊद को इस दुनिया में अपने पांव जमाने के लिए एक उस्ताद की जरूरत थी। गुरू की तलाश में वह सुभाष ठाकुर के दरबार में जा पहुंचा। सुभाष के नीचे ही काम कर के उसने अपराध की एबीसीडी और तौर-तरीके सीखे। यहीं से वह गैंगस्टर बना।


आखिर दाऊद क्यों बन गया अपने ही गुरु की जान का दुश्मन?
मीडिया के हवाले से कहा जाता रहा है कि एक वक्त ऐसा था जब सुभाष ठाकुर, छोटा राजन और दाऊद एक साथ काम करते थे। उस दौरान इन तीनों का एक ही दुश्मन था गवली गिरोह। इस गिरोह के शूटरों ने दाऊद के बहनोई इस्माइल पार्कर की हत्या 26 जुलाई 1992 में कर दी। जिसके बाद से दाऊद इनसे बदला लेने के लिए बेकरार हो गया था। बहनोई की हत्या का बदला लेने के लिए दाऊद ने सुभाष ठाकुर और छोटा राजन का इस्तेमाल किया। इन दोनों ने 12 सितंबर 1992 को जेजे अस्पताल में घुसकर गवली के शूटरों को भून डाला। उस दौरान यह शूटआउट काफी चर्चा में रहा क्योंकि इस तरह खुलेआम शूटआउट होना आम बात नहीं थी।

जरायम की दुनिया का एक काला सच भी है, वो ये है कि कब यहां दोस्ती दुश्मनी में बदल जाए कहा नहीं जा सकता। ऐसा ही कुछ हुआ दाऊद इब्राहिम और सुभाष ठाकुर के बीच। दाऊद ने जिससे अपराध के दुनिया के तौर तरीके सीखे उसी की जान का दुश्मन बन बैठा। दरअसल, मुंबई में 1992 में हुए खौफनाक बम ब्लास्ट के बाद सुभाष ठाकुर दाऊद से नाराज हो गए और उससे किनारा कर लिया। जिसके बाद दोनों के बीच दुश्मनी बढ़ती गई। कहा जाता है कि उस समय दाऊद के सबसे बड़े दुश्मन छोटा राजन से सुभाष ठाकुर ने हाथ मिला लिया था।

अब कहां है दाऊद का गुरु?
सुभाष ठाकुर को मुंबई में पुलिस ने जेजे अस्पताल में हुए हत्याकांड के आरोप में पकड़ा तो यह केस काफी लंबा चला। अंत में अदालत ने उसे साल 2000 में गवली गैंग के शूटर शैलेश हल्दानकर समेत दो पुलिस वालों की हत्या और पांच अन्य लोगों को घायल करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। मौजूदा समय में सुभाष ठाकुर फतेहपुर सेंट्रल जेल में बंद है। कहा जाता है कि जेल में होने के बावजूद भी उसकी धमक कम नहीं हुई है। लोग अब उसे वहां ‘बाबा’ के नाम से जानते हैं। लंबी बाल और दाढ़ी अब उसकी पहचान है। यह भी कहा जाता है कि यूपी के जितने भी बड़े माफिया हैं या थे सब बाबा के दरबार में हाजिरी लगाते रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जेल में रहने के दौरान सुभाष ठाकुर ने अपनी जान को दाऊद के गुर्गों से खतरा बताते हुए बुलेट प्रूफ जैकेट की भी मांग की थी। तो ये थी दाऊद के गुरु कहे जाने वाले सुभाष ठाकुर की कहानी।


( इस खबर में लिखी जानकारी विभिन्न मीडिया सोर्स से इकट्ठा की गई है।)