
देव दीपावली
वाराणसी. काशी में आज शनिवार की शाम गंगा घाट दीपों से जगमग होंगे। काशी के घाट के इस छटा को देखने के लिए विदेशी सैलानी वाराणसी पहुंच चुके हैं। कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर होने वाले इस Dev Deepawali 2017 के आयोजन पर गंगा और वरूणा के घाट, घर, मंदिर , कुण्ड, तालाब, पार्क आदि स्थलों पर लगभग 10 लाख से ज्यादा दीप जगमगाते हैं।
Sheetla Ghat पर बना 100 फीट लम्बा मंच
इसके लिए दशाश्वमेध घाट (Dasaswamedh Ghat) पर शुक्रवार की शाम इंडिया गेट की रिप्लिका तैयार कर ली गई। यहां सेना के अफसर कारगिल के शहीदों की याद में अमर जवान ज्योति जलाकर पुष्प अर्पित करेंगे। उधर, शीतला घाट पर सौ फीट लंबे पैंटून के भव्य मंच को अंतिम रूप दे दिया गया।
अस्सी से राजघाट के बीच जगह-जगह संगीतमय महोत्सवों की रूपरेखा तैयार की गई है। सौ कुंतल से अधिक गेंदा, गुलाब, बेला के फूलों के वंदनवारों से महलों, घाटों, बजड़ों और मंचों को सजाने का काम रात तक अंतिम दौर में पहुंच गया।
देव दीपावली (Dev Deepawali 2017) पर अस्सी से राजघाट और संत रविदास घाट से विश्व सुंदरी पुल के बीच करीब सौ से अधिक घाटों पर दीप महोत्सव की छटा बिखेरगी। इसके लिए घाट समितियों को जिम्मेदारी दी गई है। राजनीति, कला, संगीत के अलावा उद्योग जगत की हस्तियां इस महोत्सव के नजारे की साक्षी बनेंगी।
शहीदों को भागीरथ शौर्य का मिलेगा सम्मान
देश के कोने-कोने से विदेशी सैलानी देव दीपावली की छटा निहारने के लिए काशी पहुंच गए हैं। गंगा सेवा निधि की ओर से सौ फुट लंबे पैंटून के मंच पर ठुमरी गायिका पद्मश्री सोमा घोष दादरा, ठुमरी से समा बांधेंगी। यहां तीन शहीदों को भगीरथ शौर्य सम्मान से नवाजा जाएगा।
महोत्सव को यादगार बनाने के लिए आरती स्थल की मढ़ियों के अलावा घाटों को गेंदा की मालाओं से सजा दिया गया है। दशाश्वमेध और शीतला घाटों पर 42-42 देव कन्याएं चंवर डुलाएंगी और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बटुक गंगा की महाआरती करेंगे। अस्सी घाट, तुलसी घाट, हनुमान घाट, शिवाला घाट, राजा घाट, मान सरोवर घाट, अहिल्या बाई घाट, पांडेय घाट, केदार घाट, मान मंदिर घाट, ललिता घाट, रामघाट, पंचगंगा घाट के अलावा राजघाट पर दीपोत्सव की छटा देखते बनेगी।
गिरिजा देवी की बनी 51 फीट ऊंची प्रतिमा
तुलसी घाट पर देव दीपावली महोत्सव ठुमरी साम्राज्ञी गिरिजा देवी के नाम समर्पित होगी। इसके लिए गिरिजा देवी की 51 फीट ऊंची प्रतिमा को बीएचयू दृश्य कला संकाय और आनंद वन समूह के चित्रकारों ने मिलकर अंतिम रूप दे दिया है।
21 हजार दीपों से अप्पा को नमन किया जाएगा। पद्मभूषण पं. साजन मिश्र के पुत्र स्वरांश मिश्र स्वरांजलि देंगे। पद्मश्री मालिनी अवस्थी भी अप्पा को तुलसी घाट पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी।
Updated on:
04 Nov 2017 12:36 pm
Published on:
04 Nov 2017 08:27 am
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