
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
वाराणसी. दीपावली के पहले धनतेरस के मौके पर काशी में मां अन्नपूर्णा ने दर्शन दे दिया है। गुरुवार की भोर में ही ने खजाना बांटना शुरू कर दिया है। गुरुवार से मां अन्नपूर्णा के मंदिर के कपाट करीब छह बजे खुल गए। भक्तों पर अन्न और धन की वर्षा करने वाली मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन के लिये बुधवार की शाम से ही भक्तों की कतार लग चुकी थी। 15 नवंबर तक रोजाना कोविड प्रोटोकाॅल और प्रशासन की गाइड लाइन के मुताबिक रोजाना भोर में चार बजे से रात 11 बजे तक माता के दर्शन होंगे। माता के दर्शन के साथ-साथ अन्न धन का खजाना भी प्रसाद के रूप में मिलेगा। दर्शन का सिलसिला अन्नकूट तक चलेगा।
माता अन्नपूर्णा का दरबार साल में सिर्फ चार के लिये खुलता है। धनतेरस से अन्नकूट तक ही मां के दर्शन होते हैं। ऐसे में श्रद्घालु इस दिन का काफी बेसब्री से इंतजार करते हैं। महंत रामेश्वर पुरी ने बताया कि गुरुवार को सुबह करीब छह बजे भक्तों के लिये माता के मंदिर का कपाट खोल दिया गया। हालांकि उसके पहले बुधवार की रात से ही दर्शन के लिये लोगों की कतारें लगी थीं। हालत ये रही कि बुधवार की रात 10 बजे तक भी दर्शन करने वाले श्रद्लुओं की लम्बी-लम्बी कतारें लग गई थीं। कतार एक तरफ गोदौलिया तो दूसरी ओर चौक थाने तक पहुंच रही थी। गुरुवार की दोपहर तक करीब सात हजार से अधिक लोगों ने दर्शन कर लिये थे।
मंदिर में दर्शन की व्यवस्था आदि का जायजा लेने एसएसपी भी मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर आने-जाने वाले मार्गों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर में बने कंट्रोल रूम के जरिये भक्तों पर नजर रखे जाने और लाउडस्पीकर से लगातार कोविड-19 महामारी के संबंध में दर्शनार्थियों को जागरूक करने का निर्देश दिया। इस बार कोरोना के चलते दर्शन के लिये कोविड प्रोटोकाॅल और गाइड लाइन का पालन कराया जा रहा है। दर्शन के लिये मास्क अनिवार्य है। महंत रामेश्वर पुरी ने बताया कि दर्शनार्थियों को अन्न्पूर्णा मंदिर के गेट नंबर एक ढुंढीराज से इंट्री दी जा रही है और उनकी निकासी राम मंदिर होते हुए कालिका गली में होगी।
पूरे मंदिर परिसर को रंगीन आकर्षक झालरों और मोहक रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है। दर्शन करने आने वाले भक्तों को माता अन्न्पूर्णा का खजाना और लावा वितरित किया जा रहा हैं दर्शन के लिये तय गाइड लाइन और कोविड प्रोटोकाॅल का पालन सख्ती से कराया जा रहा है। कतारें सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से लग रही हैं। सभी की थर्मल स्कैनिंग और हैंड सेनेटाइजेशन करने के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा हैं इसके अलावा नियमानुसार हर दो घंटे पर मंदिर में सेनेटाइजेशन कराया जा रहा है।
Published on:
12 Nov 2020 05:43 pm
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