
भूकंप से हीली काशी की धरती, घरों के बाहर निकले लोग
वाराणसी। नेपाल के जाजरकोट जिले के लामिडांडा इलाके में केंद्र बनाकर आए भूकंप ने बीतीरात नेपाल से दिल्ली तक लोगों को हिला दिया। नेपाल में भूकंप आने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल, लखनऊ और आस-पास के जिलों, दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में धरती हिल गई। रात 11 बजकर 35 मिनट पर आए भूकंप ने वाराणसी में भी धरती हिला डाली। देर रात आए इस भूकंप के बाद रिहायशी बिल्डिंग में रहने वाले सड़कों पर देखे गए। वहीं लोग अपने मकानों से भागर कर सड़क पर आ गए। 12 सेकेण्ड के लिए काशी को हिलाने वाले भूकंप के बाद कई लोगों ने देर रात तक सड़क पर ही खुद को रखा और भोर में वापस घरों में गए। इस दौरान सभी एक दूसरे का हाल-चाल लेते दिखे।
अचानक हिला झूमर तो भागे बाहर
वाराणसी के बेनियाबाग इलाके में रहने वाले काजिम हुसैन ने बताया कि एक विवाह समारोह से लौटने के बाद अभी सोफे पर बैठे ही थे कि झूमर हिलने लगा तो ध्यान नहीं दिया पर घर के और लोगों को झटके महसूस हुए तो सभी लोग बहार सड़क पर आ गए। उन्होंने बताया कि आस-पास के रिहायशी इमारतों के लोग भी सड़कों पर दिखाई दिए। साल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद लोग बेनियाबाग मैदान में रात बिताने पर मजबूर हुए थे पर अब वहां पार्किंग बनने से लोगों को सड़कों पर ही रहना पड़ा।
गोदौलिया चौराहे पर दिखे लोग
वहीं गोदौलिया चौराहे के आस-पास रहने वाले लोग भी देर रात तक गोदौलिया चौराहे पर दिखाई दिए। स्थानीय निवासी अनूप जायसवाल ने बताया कि उस वक़्त भूकंप आया जब सभी फ्री होकर लेट जाते हैं। बेड पर पहुंचा ही था कि जैसे लगा बेड हिल गई। बहार भूकंप का शोर मचा था। सभी लोग सड़कों पर थे। हम भी बाहर भागे परिवार के साथ। देर रात संतुष्ट होने पर घर में गए।
नेपाल में क्यों आता है बार-बार भूकंप
सभी के दिल में यह सवाल है कि नेपाल में बार-बार भूकंप क्यों आ रहा है। ऐसे में बीएचयू के जिओ फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफ़ेसर मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि हिमालय दो टेक्टोनिक प्लेटों के घर्षण से बना है जो कि एक ज्वालामुखी पर्वत है। जब एक टेक्टोनिक प्लेट नीचे और दूसरा टेक्टोनिक प्लेट घर्षण से ऊपर जाता है तो ज्वालामुखी व पहाड़ बनते हैं और उस क्षेत्र के आसपास के इलाकों में भूकंप देखने को मिला है। भूगोल के हिसाब से सातों महाद्वीप से पूर्व एक ही भूभाग हुआ करता था, जिसे पैंजिया कहते थे। पैंजिया जब टूटने लगा तो कई महाद्वीप बन गए। इन महाद्वीपों के भूभांग पर कई देश बसे हैं। इनमें से ही एक देश है नेपाल जो हिमालय की गोद में बसा हुआ है। दरअसल नेपाल इंडो-ऑस्ट्रेलिया और यूरेशियन प्लेट के बीच के भूभाग पर बसा है। ऐसे में जब दोनों टेक्टोनिक प्लेटों में घर्षण या टक्कर होती है तो नेपाल में भूकंप के झटके महसूस होते हैं। जानकारी के मुताबाकि हर साल 5 सेमी की दर से ये दोनों टेक्टोनिक प्लेट एक दूसरे पर चढ़ रही हैं। इस कारण बार-बार नेपाल में भूकंप देखने को मिलता है। गौरतलब है कि इससे पहले साल 2015 में नेपाल में भूकंप ने तबाही मचाई थी। इस दौरान नेपाल में करीब 8 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
Published on:
04 Nov 2023 11:39 am
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