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गोरखपुर व फूलपुर उपचुनाव के लिए इस दिन होगा नामांकन व मतदान

बीजेपी के लिए बेहद खास होंगे उपचुनाव के दोनों नतीजे, जानिए क्या है कहानी

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CM Yogi Adityanath and Deputy CM Keshav Prasad Maurya

CM Yogi Adityanath and Deputy CM Keshav Prasad Maurya

वाराणसी. चुनाव आयोगी के फूलपुर व गोरखपुर सीट पर उपचुनाव की तिथि जारी होने के बाद से सारे संशयों पर विराम लग गया है। काफी समय से यह दोनों सीटे खाली थी, लेकिन चुनाव आयोग ने इन सीटों पर तिथि जारी करके सभी दलों को चुनावी मैदान में उतरने को विवश कर दिया है।
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चुनाव आयोग के अनुसार गोरखपुर व फूलपुर उपचुनाव के लिए 13 से लेकर 20फरवरी तक नामांकन होगा। इसके बाद 21 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जायेगी। 23 फरवरी को नाम वापसी का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद 11 मार्च को दोनों सीटों पर मतदान होगा। 14 मार्च को मतगणना की तिथि रखी गयी है और कुछ ही घंटों में पता चल जायेगा कि किस दल को विजय मिलने वाली है। पिछले कुछ माह से ही दोनों सीटे खाली चल रही थी। चुनाव आयोग पर भी जल्द चुनाव कराने का दवाब था जिसको देखते हुए चुनाव आयोग ने तिथि जारी कर दी है। गोरखपुर सीट पर संासद रहे सीएम योगी आदित्यनाथ व फूलपुर संसदीय सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के इस्तीफे की वजह से खाली हो गयी थी। दोनों ही सीटे बीजेपी के पास थी इसलिए इन सीटों पर हार का मतलब होगा कि बीजेपी के लिए संसदीय चुनाव २०१९ भारी पड़ सकता है।
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उपचुनाव में होगी बीजेपी के विरोधी दलों की परीक्षा
गोरखपुर व फूलपुर उपचुनाव में बीजेपी के साथ उसके विरोधी दलों की भी परीक्षा होनी है। सपा, बसपा व कांग्रेस ने इन सीटों पर एक साथ चुनाव लडऩे की योजना बनायी है। यदि तीनों ही दल मिल कर चुनाव लड़ते हैं और बीजेपी को हराने में कामयाब हो जाते हैं तो संसदीय चुनाव में महागठबंधन बनना तय हो जायेगा। यदि तीनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं और सपा, बसपा व कांग्रेस में किसी एक के प्रत्याशी को जीत मिलती है तो महागठबंधन की उम्मीद बहुत कम हो जायेगी। बीजेपी फिर से इन सीटों पर अपना कब्जा कर लेती है तो विरोधी ताकत एक बार फिर कमजोर हो जायेगी। गोरखपुर व फूलपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव सभी दलों के लिए बेहद खास है इसलिए सभी दलों ने चुनाव जीतने की रणनीति भी बनाना शुरू कर दिया है।
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