‘सौभाग्य’ की मुफ्त बिजली योजना में सिर्फ मीटर लगाकर छोड़ दिया भेज दिया 8-8 हजार रुपये के बिल बिना बिजली बना दिया कर्जदार
करनाडीह गांव के बिजली उपभोक्ताओं अपनी पीड़ा बताते
वाराणसी/रोहनिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की बेहद महत्वकांक्षी ‘सौभाग्य’ या सहज बिजली योजना ने बिजली मिले बिना ही जोर का झटका देना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने मीटर तो घरों में लगा दिया पर घरों में बल्ब जले ही नहीं और हजारों का बिजली बिल पहुंच गया। अब उपभोक्ता परेशान। क्षेत्रीय विभागीय कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों को मुफ्त बिजली देने के लिये ‘सौभाग्य’ या सहज बिजली हर घर योजना की शुरुआत की है। इसके तहत गरीबों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने का प्रावधान है। करोड़ों लोगों को इसके तहत कनेक्शन दिया भी जा चुका है। पर अब इसकी खामियां सामने आने लगी हैं। देश के अंतिम गांव तक बिजली पहुंचाने के लिए शुरू इस योजना पर अरबों रुपये खर्च किए जा चुके हैं और सरकार इसके लिए अपनी पीठ भी ठोक चुकी है। पर धरातल पर सच्चाई दावे से अलग है। ठेकेदारों और जिम्मेदारों की कारिस्तानी के चलते यह योजना लाभार्थियों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है।
जिले की राजातालाब तहसील के करनाडांडी गांव छावनी में दर्जनो घरों को ‘सौभाग्य’ योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन के लिए चुना गया। गांव में बिजली के पोल तो लग गए, तार भी दौड़ा दिए गए पर उन तारों से करंट गायब है। घरों में मीटर भी लग गया। गांव के लोगों में उम्मीद जगी कि ‘सौभाग्य’ से उनके घर में भी रोशनी आएगी। पर धीरे-धीरे एक साल बीत गए लेकिन उनके घरों में न कनेक्शन हुआ और न ही तारों में करेंट दौड़े। हद तो तब हो गई जब बिना कनेक्शन ही हजारों रुपये का बिल भेज दिया गया। स्थानीय निवासियों नें बताया कि हमने ग्राम प्रधान, बिजली विभाग के आला अधिकारियों से लेकर एमएलए तक हर जगह इसकी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
स्थानीय निवारी गौरीशंकर ने बताया कि नाराज ग्रामीण अपने बिल लेकर रोहनिया और बरईपुर स्थित विभागीय अधिकारियों के दफ्तर पहुंच गए। वहां नाराजगी जाहिर की, बावजूद इसके उनकी अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। अब गांव वालों ने अधिकारियों से दो टूक कह दिया है कि जब आप बिजली नहीं दे सकते तो अपना मीटर भी उखाड़ ले जाइये। बिना बिजली के मीटर लगाकर बिल देने से अच्छा है कि हम अंधेरे में ही रहें।
इस बाबत जब अधीक्षण अभियंता से पूछा गया तो उन्होंने इस तरह की कोई शिकायत मिलने से ही इंकार कर दिया। वहीं पूरे मामले को संबंधित ठेकेदार के मत्थे मढ़ते हुए कहा कि काम उन्हीं के जरिए कराया जा रहा है। साथ में यह भी जोड़ा कि हम मामले की जांच कराकर समस्या का निस्तारण कराएंगे।
आरटीआई एक्टिविस्ट व सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता मंगलवार को उस गांव के हालात की जानकारी देते हुए पत्रिका को बताया कि पीड़ितों से मिलकर पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार करके सीएम योगी को मेल, ट्वीट किया है। जनसुनवाई व पीजी पोर्टल पर समस्या को रखा है। बताया कि सबसे ज़्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि यहां के घरों में लगा बिजली का मीटर अभी तक चालू ही नहीं हुआ है, फिर भी उनके घर में आठ हज़ार रुपए से अधिक का बिजली बिल आ गया है।