इधर बीच हुई भीषण बारिश के बाद विजुल नदी और गैतानवा नदी के अलावा तीन दर्जन से ज्यादा नाले उफान पर आ गये हैं। ओबरा डैम में मिलने वाले लोहिया कुण्ड और पहलवान नाले के अलावा विजुल में मिलने वाले गोड़तोड़वा नाले और मगरदहा नाले पूरे उफान पर हैं। यह आलम तब है जबकि अब तक रिहंद नहीं से पानी नहीं छोड़ा गया है रिहंद का फाटक खुलने के बाद स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। ओबरा बिजली घर से कुछ ही दूरी पर मौजूद फफराकुंड रेलवे स्टेशन के पास चलाकी नाले की वजह से सबसे ज्यादा समस्या सामने आ रही है। इसके अलावा अरंगी, शक्तिचौरा, पहलवान, चोरपनिया, घाघर, कररी, जुर्रा, भोड़ार, घूमतहवा, खाडर, धनबहवा, अमश्रोता, कुलुहवा, सेमरतर, टेढ़ीतेन, भंवराकुंड, चोरपनिया एवं गुदरखाड़ी सहित 40 से ज्यादा नालों में पानी आ चुका है,जिसके कारण अभी तक जुगैल, भरहरी, परसोई, बैरपुर, पनारी, खरहरा, कनहरा, बडगवां, नेवारी सहित तमाम ग्राम पंचायतों के 50 से ज्यादा टोले जनपद मुख्यालय से कट गये हैं।