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बीएचयू में बोले गुजरात के राज्यपाल, एक देसी गाय से हो सकती है 30 एकड़ की खेती

किसान की आय दुगुनी करने का रास्ता है प्राकृतिक खेती-राज्यपाल, गुजरात आचार्य देवव्रत ने कहा,

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Gujrat governor acharya devvrat

Gujrat governor acharya devvrat

वाराणसी. एक देशी गाय से 30 एकड़ की खेती सम्भव है। ऐसी खेती जो¨जहरमुक्त है और जलवायु को प्रदूषण से बचाती है। खेतों को नमी देती है। नमी देती है। यह कहना है राज्यपाल मुख्य अतिथि आचार्य देवव्रत का। वह गुरुवार को बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र मालवीय मूल्य अनुशूलीन केंद्र के व्याख्यान कक्ष में विशेष व्याख्यान दे रहे थे।

इस मौके पर उन्होंने दो तरह के प्राकृतिक खाद तैयार करने की विधि के प्रयोग¨और इसका लाभ बताया। प्रथम जीवामृत तरल खाद, दूसरा घनजीवामृत शुष्क खाद। उन्होंने बताया कि एक देशी गाय के गोबर से 30 एकड़ खेती की जा सकती है। उन्होंने बताया कि एक 200 लीटर के पार्थ में 180 लीटर पानी उसमें 10 किग्रा0 गाय का गोबर और एक दिन का गौ¨मूत्र तथा उसमें एक किलो¨ किसी भी दाल का बेसन और ढेड़ किल¨ गुड़ डालकर उसमें दो¨ मुट्ठी सामान्य मिट्टी डाल देनी है और उसे सबुह-शाम घड़ी की दिशा में चलाना है। इससे पांच से छः दिन में खाद तैयार हो¨ जाती है जो 30 एकड़ खे¨ती के लिए पर्याप्त है।

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्राकृति खेती पर विशिष्ट व्याख्यान देते हुए कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द और महामना ने राष्ट्र के हित के लिए युवा वर्ग को इस तरह से तैयार करने को कहा कि वे राष्ट्रहित और समाजहित के पक्ष में अपना योगदान दे सकें। गुरुकुल कांगड़ी में विद्यार्थियों के शिक्षण के साथ उनके स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक खेती भी प्रारम्भ किया। इस शिक्षण और खे¨ती में प्राचीन और अर्वाचीन विद्या का समन्वय है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती किसान के लिए शून्य बजट पर आधारित खेती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो¨ राकेश भटनागर ने कहा कि दवाओं¨ के उपयोग से बचना चाहिए तथा एन्टीबायटिक का प्रय¨ग न करके हम प्राकृतिक जीवन शैली के साथ प्रकृति के साथ जीएं। यही सम्पूर्ण सृष्टि के स्वास्थ्य का आधार है।

इस अवसर पर कुलपति ने आचार्य देवव्रत को उत्तरीय, स्मृतिचिह्न और अभिनन्दन पत्र देकर उनका सम्मान किया। इस मौके पर कुलसचिव डॉ नीरज त्रिपाठी, समन्वयक डॉ उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने किया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र हरियाणा के निदेशक एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय कार्यकारिणी के सदस्य प्रो आनंद मोहन ने आभार जताया। संचालन प्रो सुमन जैन ने किया।

इस मौके पर अनिल कुमार त्रिपाठी, प्रो रमेश कुमार, वित्ताधिकारी डॉ अभय कुमार ठाकुर, प्रो एसके दूबे, प्रो आरपी उपाध्याय, प्रो विश्वम्बर नाथ मिश्र, प्रो आरएस दूबे, प्रो आरपी पाठक, प्रो¨एके राय, प्रो¨मधुकर राय, डॉ वाचस्पति त्रिपाठी, प्रो¨ एके सिंह, सूचना जन सम्पर्क अधिकारी डॉ राजेश सिंह विश्वविद्यालय के लगभग सभी संकायप्रमुख,ससंस्थानों के निदेशकगण, अधिकारीगण उपस्थित थे।