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ज्ञानवापी प्रकरणः ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदर सिंह बिट्‌टा बोले, मुसलमान ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंप दें

ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदर सिंह बिट्‌टा मंगलवार की दोपहर पहुंचे काशी विश्वनाथ धाम। बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने के बाद मीडिया से मुखातिब बिट्टा ने मुस्लिमों से ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने की अपील की। कहा, दें धर्मनिरपेक्षता का साथ। उन्होंने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा।

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ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदर सिंह बिट्‌टा

ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदर सिंह बिट्‌टा

वाराणसी. ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदर सिंह बिट्‌टा मंगलवार की दोपहर पहुंचे काशी विश्वनाथ धाम। बाबा का दर्शन-पूजन करने के बाद मीडिया से मुखातिब बिट्टा ने मुस्लिमों से ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने की अपील की। कहा, दें धर्मनिरपेक्षता का साथ।

काशी और मथुरा में मंदिरों का अपमान हुआ

बिट्‌टा ने कहा कि काशी और मथुरा में मंदिरों का अपमान हुआ है। काफिर बाबर और जालिम औरंगजेब के कार्यकाल में देश भर में मंदिर तोड़े गए। मुस्लिम समाज से सवाल किया कि बताएं, बाबर और औरंगजेब कौन थे। वो मुस्लिम समाज के ऊपर कलंक थे। कहा कि सिख समाज के हजारों लोगों ने मंदिरों की रक्षा के लिए कुर्बानी दी है।

अयोध्या में रामजन्मभूमि का निर्माण हो गया, अब काशी-मथुरा की बारी

कहा कि काशी में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग था, है और हमेशा रहेगा। अयोध्या में राम जन्मभूमि का निर्माण हो गया है, अब काशी और मथुरा की बारी है। उन्होंने कहा कि हम मुस्लिम कौम की मुखालफत नहीं करते, जब अजमेर शरीफ की तरफ कोई दरगाह होती तो हम वहां खड़े होते।

ओवैसी ने सिख कौम के इतिहास के खूनी पन्नों को खोलने का प्रयास किया
ज्ञानवापी मस्जिद पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयानों पर बिट्टा ने कहा कि ओवैसी ने औरंगजेब की मजार पर जाकर सिख कौम के इतिहास के खूनी पन्ने को खोलने का प्रयास किया। औरंगजेब जालिम था और सदियों तक जालिम ही कहलाएगा।

नहीं मिली ज्ञानवापी मस्जि जाने की इजाजत

मनिंदर सिंह बिट्टा के करीबियों का कहना रहा कि वो विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए प्रार्थना करने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर आए हैं। शांति के लिए प्रार्थना करने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद भी जाएंगे। लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद में जाने की इजाजत नहीं दी।