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Gyanvapi Case: व्यासजी के तहखाने पर चार अक्टूबर को आएगा फैसला, हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में दी ये दलीलें

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने पर मुस्लिम पक्ष कब्जा न करने पाए, इसके लिए दायर याचिका पर चार अक्टूबर 2023 को जिला जज अपना फैसला सुनाएंगे।

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Gyanvapi Case Decision petition hand over Vyasji basement DM October 4

Gyanvapi Case

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने को लेकर व्यास जी के बेटे की दायर याचिका पर 4 अक्टूबर 2023 को फैसला आएगा। इस याचिका में व्यास जी के बेटे ने आशंका जाहिर की है कि व्यास जी का तहखाना जहां उनके पता पूजा-पाठ करते थे वह 1993 से मुस्लिम पक्ष के कब्जे में है और वह उसपर पूर्ण कब्जा कर सकता है अतः उसे डीएम की सुपुर्दगी में दिया जाए। इस मामले में आज काशी विश्वनाथ ट्रस्ट ने अपना पक्ष रख दिया जिसके लिए शुक्रवार को कोर्ट ने आदेश दिए थे। पक्ष जानने के बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसले के लिए 4 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की है।

विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने रखा अपना पक्ष
ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने को डीएम की निगरानी में सौंपने के मामले में दायर याचिका पर शनिवार को सुनवाई पूरी हो गई। शुक्रवार को कोर्ट ने इस मामले में विश्वनाथ मंदिर को अपनी आपत्ति दर्ज करने का निर्देश दिया था पर शनिवार को मंदिर ट्रस्ट की तरफ से पहुंचे अधिवक्ता रवि कुमार पांडेय ने कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई और कहा कि ट्रांसफर आवेदन में मूल वाद नहीं दर्ज है उसे दर्ज कर लिया जाए। उन्होंने इसे ततकाल संशोधित करने की बात कही।

हिन्दू पक्ष ने कहा नहीं है तहखाने में दरवाजा, फिर...

इस दौरान मौजूद हिन्दू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बड़ा बयान दिया और कहा कि व्यास जी के तहखाने में दरवाजा ही नहीं है। ऐसे में मुस्लिम पक्ष आसानी से इसपर कब्जा कर सकता है। इसपर मुस्लिम पक्ष ने कड़ा विरोध किया और कहा कि व्यास जी के तहखाने में दरवाजा है और उसमे हमारा ताला बंद है और जब हमसे कहा गया तब हमने उसे खोला और ASI ने सर्वे भी किया।

चार अक्टूबर को आएगा फैसला

इस मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला जज अजय कृष्ण अजय कृष्ण विश्वेश ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मामले में फैसले की तारीख 4 अक्टूबर मुकर्रर की है। इसके पहले कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेते हुए इस मामले में विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को नोटिस भेज उसे अपना पक्ष रखने को कहा था। बता दें कि शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने बीते 25 सितंबर को वाद दाखिल किया था। कहा था कि व्यासजी का तहखाना वर्षों से उनके परिवार के कब्जे में रहा है। वर्ष 1993 के पहले से पूजा-पाठ और राग-भोग होता चला आ रहा था। 1993 के बाद उस तहखाने को प्रदेश सरकार के आदेश से घेर दिया गया। साथ ही पूजा-पाठ से वंचित कर दिया गया।