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Gyanvapi Masjid Case: तहखाने के अंदर एक हिस्सा ढका दीवारों से, टीम के सदस्यों का दावा, छिपे हैं कई राज

ज्ञानवापी परिसर में तीन दिनों से चल रही सर्वे की कार्रवाई पूरी हो चुकी है। कार्रवाई पूरी होने के साथ ही वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के अंदर के राज भी बाहर आने लगे हैं।

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Gyanvapi Masjid

Gyanvapi Dispute Case: श्रृंगार गौरी परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन की याचिका सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसले को सुरक्षित रखा गया है। शाम 4 बजे फैसला आएगा। आपको बता दें कि सोमवार को वाराणसी की एक अदालत ने सोमवार को वहां के जिला प्रशासन को उस परिसर के अंदर सर्वेक्षण स्थल को सील करने का निर्देश दिया। इससे पहले तीन दिन सर्वे किया गया। कार्रवाई पूरी होने के साथ ही वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के अंदर के राज भी बाहर आने लगे हैं। कार्रवाई में शामिल एक सदस्य का दावा है कि तहखाने से जुड़ा एक हिस्सा ऐसा है, जो चारों तरफ से दीवारों से बंद है। संभावना जताई गई है कि इसके अंदर कई राज हो सकते हैं। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने तहखाने का ताला तोड़कर कार्रवाई का आदेश दिया। तहखानों में तीन कमरों में से दो के ताले खोले गए। जबकि एक में ताला नहीं था, मगर इसके पास ही एक हिस्सा ऐसा भी है जिसके चारों तरफ दीवार चुनवाई गई है।

बंद हिस्से में छिपे हैं कई राज

सर्वे की कार्रवाई से जुड़े सदस्यों का मानना है कि इस बंद हिस्से में कई राज हो सकते हैं। मलबा और धार्मिक स्थल से जुड़े अन्य साक्ष्य बंद किए गए हैं। आपको बता दें कि 26 साल पहले हुई कार्रवाई में हिंदू मंदिरों में मूर्तियों के अवशेष मिला था। न्यायालय परिसर में पेश की गई रिपोर्ट में साफ तौर पर मस्जिद परिसर में प्राचीन मंदिर के भग्नावशेष मिलने का दाव किया गया था। इसके साथ ही परिसर के पूरब तट पर हनुमान प्रतिमा, गंगा व गंगेश्वर मंदिर की भी पुष्टि की गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2019 में न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को रडार तकनीक से सर्वे का आदेश दिया था।

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पूरब तरफ चबूतरा, पश्चिमी तरफ भग्नावशेष

दरअसल, अदालत में दर्ज एशियंट आइडल लार्ड विश्वेश्वर व अन्य के वाद में 27 जुलाई, 1996 को न्यायालय ने कमीशन की कार्रवाई का आदेश दिया था। इसमें कमीशन की ओर से दर्ज रिपोर्ट में साफ किया गया था कि विवादित स्थल के पूरब तरफ एक बड़ा चबूतरा है और पश्चिमी तरफ भग्नावशेष मौजूद हैं। भग्नावशेष के ऊपर मस्जिद नुमा ढांचा निर्मित है। इस रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि भग्नावशेष के पश्चिम तरफ प्राचीन मंदिर के भग्नावशेष का ढेर है, जो बड़े चबूतरे में रूप में स्थित है।