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हरतालिका तीज: हरतालिका तीज को लेकर संशय, जानिए कब मनाया जाएगा 1 या 2 को

इस वजह से हरतालिका तीज इस तारीख को करना होगा शुभ

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Hartalika Teej

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वाराणसी. हरतालिका तीज सुहागिनों का सबसे प्रमुख त्योहार है। इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं पति की लम्बी उम्र के लिए इस व्रत को करती हैं। यह सबसे कठिन व्रत माना जाता है। इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता गौरी और भगवान भोले नाथ की आराधना करती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत हर साल भादो माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को पड़ती है। लेकिन इस बार तीज को लेकर लोगों के मन में संशय है कि तीज कब रखें एक को या दो को।


हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं में से एक है यह व्रत पति की लम्बी उम्र और मंगल कामना के लिए रखा जाता है। इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता गौरी और भगवान भोले नाथ की आराधना करती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत हर साल भादो माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को आती है। लेकिन इस बार जन्माष्टमी की ही तरह हरतालिका तीज की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। महिलाओं को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर किस दिन हरतालिका तीज का व्रत रखा जाए। कुछ लोग कह रहे हैं कि व्रत 1 सितम्बर को होगा। जबकि कुछ लोग 2 सितम्बर को व्रत रखने को कह रहे हैं।

जानिए क्यों है हरतालिका तीज के तिथि को लेकर असमंजस
इस साल पंचांग की गणना के अनुसार तृतीया तिथि का क्षय हो गया है यानी कि पंचांग में तृतीया तिथि का मान ही नहीं है। इस हिसाब से 1 सितंबर को जब सूर्योदय होगा तब द्वितीया तिथि होगी, जो कि 08 बजकर 27 मिनट पर खत्‍म हो जाएगी. इसके बाद तृतीया तिथि लग जाएगी। ज्‍योतिषियों के मुताबिक तृतीया तिथि अगले दिन यानी कि दो सितंबर को सूर्योदय से पहले ही सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर समाप्‍त हो जाएगी. ऐसे में असमंजस इस बात का है कि जब तृतीया तिथि को सूर्य उदय ही नहीं हुआ तो व्रत किस आधार पर रखा जाए।

01 सितंबर को क्‍यों रखें हरतालिका तीज का व्रत
कुछ जानकारों का कहना है कि हरतालिका तीज का व्रत 1 सितंबर को ही रखा जाना चाहिए क्‍योंकि तब दिन भर तृतीया रहेगी। तर्क यह भी है कि हरतालिका तीज का व्रत हस्‍त नक्षत्र में किया जाता है, जो कि 1 सितंबर को है। इसलिए व्रत 1 सितंबर को रखा जाना चाहिए। जानकारों का कहना है अगर आप 2 सितंबर को व्रत रखते हैं तो उस दिन सूर्योदय के बाद चतुर्थी लग जाएगी. ऐसे में तृतीया तिथि का व्रत मान्‍य नहीं होगा।

02 सितंबर को क्‍यों रखें हरतालिका तीज का व्रत
कुछ लोगों का कहना है कि हरतालिका तीज का व्रत 1 सितंबर की बजाए 2 सितंबर को रखा जाना चाहिए। उनका तर्क है कि ग्रहलाघव पद्धति से बने पंचांग के अनुसार 2 सितंबर को सूर्योदय के बाद सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक तृतीया तिथि रहेगी और फिर चतुर्थी लग जाएगी। यानी कि तृतीया तिथि में सूर्योदय होगा। इसके अलावा कुछ विद्वानों को यह भी मानना है कि चतुर्थी युक्‍त तृतीया को बेहद सौभाग्‍यवर्द्धक माना जाता है। ऐसे में 2 सितंबर को तृतीया का पूर्ण मान, हस्त नक्षत्र का उदयातिथि योग और सायंकाल चतुर्थी तिथि की पूर्णता तीज पर्व के लिए सबसे उपयुक्‍त है।


वहीं यह भी कहा जा रहा है कि हस्‍त नक्षत्र में तीज का पारण नहीं करना चाहिए। जो महिलाएं 1 सितंबर को व्रत रखेंगी उन्‍हें 2 सितंबर को तड़के सुबह हस्‍त नक्षत्र में ही व्रत का पारण करना पड़ेगा, जो कि गलत है. वहीं अगर महिलाएं 2 सितंबर को व्रत करें तो वे 3 सितंबर को चित्रा नक्षत्र में व्रत का पारण करेंगी। पुराणों में चित्रा नक्षत्र में व्रत का पारण करना शुभ और सौभाग्‍यवर्द्धक माना गया है।