
वाराणसी का जर्जर प्राइमरी स्कूल
वाराणसी/इलाहाबाद. जिले के जर्जर हो चुके प्राथमिक स्कूलों की स्थिति पर हाईकोर्ट इलाहाबाद ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने वाराणसी के डीएम सुरेंद्र सिंह की रिपोर्ट के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आड़े हाथ लेते हुए तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी।
कोर्ट के निर्देश पर डीएम ने किया था निरीक्षण
बता दें कि वाराणसी के जर्जर हो चुके 17 स्कूल भवनों पर जन अधिकार मंच के मो. आरिफ अंसारी और अनिल मौर्या ने जनहित याचिका दायर की है। इस मसले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गत 18 अगस्त को प्राइमरी स्कूल की जर्जर हालत पर सख्ती दिखाते हुए जिलाधिकारी वाराणसी और बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब किया था। दोनों अफसरों को 19 अगस्त को स्कूलों का निरीक्षण कर 21 अगस्त तक अदालत में रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इसका धयान भी देने को कहा था कि यदि कोई घटना इस दौरान स्कूल में जर्जर अवस्था के कारण होती है तो जिलाधिकारी ज़िम्मेदार होंगे। कोर्ट के निर्देश पर डीएम ने स्कूलों का निरीक्षण किया था। उन्होंने कई खामियां पाई थीं जिन्हें तत्काल दुरुस्त करने का निर्देश भी दिया था। यहां तक स्कूल के समीप खुली अंग्रेजी शराब की दुकान देख कर वह खासे नाराज हुए थे और जिला आबकारी अधिकारी से पूछा था कि स्कूल के नजदीक शराब का लाइसेंस दिया कैसे गया। बता दें कि राजघाट प्राथमिक स्कूल की जर्जर बिल्डिंग को इस्तेमाल से मना कर दिया गया है।
हाईकोर्ट का निर्देश
इस मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता स्मृति कार्तिके ने पत्रिका को बताया कि याचिकर्ता जन अधिकार मंच वाराणसी के इस मामले में डीएम वाराणसी की ओर से जांच रिपोर्ट को प्रस्तुत की गई। उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ के मुख्य न्यायधीश डीबी भोसले और यशवंत वर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक हफ्ते में बेसिक अधिकारी से स्वयं के हलफनामे पर निम्न बिंदु मांगें हैं-
1-कब तक सुधरेगी जर्जर स्कूल भवनों की स्थिति ?
2-शौचालय, पानी और अन्य व्यवस्था करने में कितना समय लगेगा ?
3-काम करने के तरीकों और बजट की करबद्ध सूची क्या है ?
याचिकाकर्ताओं के बयान
-याचीकर्ता जन अधिकार मंच के सचिव मोहम्मद आरिफ अंसारी ने बताया कि याचिका के बाद प्राथमिक स्कूल मातृ मठ, सोनारपुरा को खोजवां विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया, जिसकी दूरी लगभग 2 किमी है जिससे बच्चे नहीं पहुंच पा रहे हैं।
-अनिल मोर्या ने बताया कि अप्रैल माह से सत्र प्रारम्भ हो चुका है और विद्यालय में अभी तक किताबें नहीं पहुंचा है ।
Published on:
23 Aug 2018 02:51 pm
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