
CM Yogi Adityanath and High Court
वाराणसी. सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए उन्नाव गैंगरेप प्रकरण गले की हड्डी बनता जा रहा है। बीजेपी के बाहुबली विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने का आरोप झेल रही सीएम योगी सरकार को एक और झटका लग गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले को स्वंत संज्ञान लेते हुए गुरुवार को सुनवाई करने का आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट के निर्णय से साफ हो जाता है कि प्रकरण कितना गंभीर है और सरकार पर क्यों सवाल उठ रहे हैं।
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चीफ जस्टिस बीबी भोसले व न्यायमूर्ति सुनील कुमार ने इस मामले को संज्ञान लेते हुए १२ अप्रैल को सुनवाई करने का निर्णय किया है। हाईकोर्ट ने मीडिया में आयी खबरों को देखते हुए ही इस मामले की सुनवाई करने का निर्णय किया है। हाईकोर्ट के निर्णय से साफ हो जाता है कि उन्नाव गैंगरेप प्रकरण अब बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। जिस तरह से बीजेपी के बाहुबली विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गैंगरेप का आरोपी बनाया गया है और पीडि़ता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत होने की बात कही जा रही है उससे यूपी पुलिस व सराकर की भूमिका पर बड़े सवाल उठने लगे हैं।
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गायत्री प्रजापति प्रकरण से की जा रही तुलना
सपा सरकार के लिए गायत्री प्रजापति प्रकरण ने बहुत नुकसान पहुंचाया था और सरकार को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था उस समय बीजेपी ने यूपी की काननू व्यवस्था व गायत्री प्रजापति का मुलायम परिवार से संबंध को उजागार करने का कोई मौका नहीं छोड़ा था लेकिन जब सीएम योगी के जातीय समीकरण में फिट बैठने वाले नेता कुलदीप सिंह सेंगर का नाम गैंगरेप में आया तो बीजेपी ने सपा सरकार की राह पकड़ ली। यूपी सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगने लगा। हाईकोर्ट के संज्ञान लेने से एक बात साफ हो गयी है कि अब सरकार का दोषियों को बचाना संभव नहीं होगा।
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Updated on:
11 Apr 2018 04:44 pm
Published on:
11 Apr 2018 02:42 pm
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