
वाराणसी. किसान क्रेडिट कार्ड कृषकों के लिये बड़ा सहारा है। इसक जरिये उन्हें लोन से लेकर कई सारी सुविधाएं सरकार मुहैया कराती हैं। अब तक किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा केवल वही कृषक ले पाते थे जिनके पास जमीन होती थी। पर अब ऐसे कृषक भी किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ उठा सकेंगे जिनके पास जमीन नहीं है। ऐसे किसान जिनके पास एक या एक से अधिक पशु हैं उनका भी कार्ड बन सकता है। सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये पशुपालक किसान क्रेडिट कार्ड योजना चलाई है। इस योजना के तहत किसानों के साथ ही पशुपालकों को भी केसीसी का लाभ दिया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव पशुपालन की ओर से निर्देश जारी किये गए हैं कि ऐसे पशुपालक जिनके पास जमीन नहीं है। वह भी 1 लाख 60 हजार रुपये लिमिट तक के किसाान क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं। उन्होंने इसके लिये अधिकारियों को निर्देशित किया है कि भूमिहीन पशु पालकों का पशु केसीसी कार्ड बनवाने में उनकी मदद करें। सरकार की इस योजना से ऐसे पशुपालकों को काफी फायदा होगा, जिनके पास खेती की जमीन नहीं है और वह एक या दो पशु पालकर उससे गुजारा करते हैं।
पशुपालक किसान क्रेडिट कार्ड के फायदे
सरकार की पशुपालक किसान क्रेडिट कार्ड योजना से उन पशु पालकों को मदद मिलेगी जो पूंजी की कमी के चलते इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाते। इसके अलावा दूध के कारोबार में भी यह योजना काफी फायदेमंद साबित होगी। किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये पशु पालकों को आसानी से बैंक से लोन मिल जाएगा। भूमिहीन पशुपालक 1 लाख 60 हजार लिमिट तक का केसीसी कार्ड आसानी से बनवा सकते हैं। आजमगढ़ मंडल के नोडल अधिकारी डाॅ. एसपी सिंह ने बताया कि पशुपालकों के पशुओं के वैल्युएशन के आधार पर उनके कार्ड की लमिटि तय होगी। अधिक पशु होने पर उन्हें अधकि लिमिट मिल सकती है।
कैसे करें आवेदन
पशु पालक किसान क्रेडिट कार्ड के पशुपालन विभाग में आवेदन करना होगा। एप्लिकेशन के साथ आधार कार्ड और फोटोग्राफ आदि चीजें जरूरी होंगी। पशुपालक अपने नजदीक के पशु चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क कर आवेदन बैकों में दे सकते है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी या नोडल अधिकारी से संपर्क कर इस बारे में और जानकारी ली जा सकती है।
पशु खरीदने पर मिलेगा लोन, मृत पशुओं का बीमा
पशु पालक किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत गाय, भैंस, बकरी आदि पशु खरीदने के लिये अलग से लोन लिया जा सकता हैं। जहां तक बात बीमित पशुओं की है तो उनकी मौत पर 24 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करना होगा। पशुपालन विभाग के डाॅक्टर जानवर के शव की जांच कर रिपोर्ट बनाएंगे। एक माह के भीतर अधिकारी बीमा कंपनी को क्लेम करेंगे। 15 दिन के भीतर इसका निपटारा हो जाएगा।
Published on:
13 Oct 2020 11:07 am
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