वाराणसी.IIT BHUcentenary convocation में शुक्रवार को 1282 मेधावी छात्रों को उपाधि मिली तो खिल उठे चेहरे। ऐसा होता भी क्यो नहीं, आखिर सालों की मेहनत रंग लाई थी। हर मेधावी चहकता नजर आ रहा था। छात्र या छात्राएं ही नहीं साथ आए उनके माता-पिता के चेहरों पर भी गर्व था। वो भी खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। कुछ मेधावियों के साथ उनके दादा-दादी भी पहुंचे उनकी खुशी का तो ठिकाना ही नहीं था। इन खुशियों भरे लमहों का साक्षी बना बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का स्वतंत्रता भवन।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(काशी हिंदूविश्वविद्यालय) में शुक्रवार को आठवां दीक्षांत समारोह मनाया गया। ये आईआईटी बनने के बाद से भले ही गिनती का आठवां दीक्षांत रहा पर वास्तव में यह शताब्दी दीक्षांत रहा। बता दें कि 1919 में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने अपनी कर्म स्थली काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की थी जिसे 2012 में आईआईटी का दर्जा मिला। लिहाजा संस्थान शताब्दी वर्ष भी मना रहा है। ऐसे में उपाधि और मेडल पाने वालों के चेहरों पर एक अलग तरह का गर्व आसानी से महसूस किया जा सकता था। हर मेधावी के लिए यह गौरव का क्षण रहा।
इस आठवें दीक्षांत समारोह में संस्थान के विभिन्न पाठ्यक्रमों के 1282 मेधावी छात्रों को उपाधि प्रदान की गई। इसमें 754 बीटेक/बीफार्मा, 197 आईडीडी/आईएमडी, 252 एमटेक/एमफार्मा और 79 शोध छात्रों को विभिन्न उपाधियों से सम्मानित किया गया। इसके अलावा विविध पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले कुल 54 स्नातकों को विभिन्न श्रेणियों में 81 पदक 17 प्राइज भी दिए गए। साथ ही तकरीबन 80 शोधार्थियों को पीएचडी डिग्री प्रदान की गई।
इस वर्ष संस्थान में बीटेक स्तर पर शैक्षणिक क्षेत्र में संपूर्ण उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्रा श्रुति राजलक्ष्मी को प्रेसीडेंट्स स्वर्ण पदक और साई पवन एसएन को सभी बीटेक स्नातकों के बीच उत्कृष्ट ऑल राउंड प्रदर्शन और उत्कृष्ट संगठनात्मक क्षमताओं एवं नेतृत्व गुणों के लिए निदेशक स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
इस मौके पर देश की कई शैक्षणिक संस्थाओं और विश्वविद्यालयों के शिक्षक और अधिकारियों के साथ आईआईटी(बीएचयू) के सैकड़ों पुरातन छात्र भी मौजूद रहे।
समारोह के मुख्य अतिथि मानव संसाधन विकास मंत्री, रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने मेधावी छा-छात्राओं को उपाधि व मेडल वितरित किए। इस मौके पर उन्होने सभी को देश ही नहीं दुनिया भर में अपनी प्रतिभा की बदौलत खुशियां बांटने का संदेश दिया। समारोह की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक और संचालक मंडल के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने की। उन्होंने संस्थान के कॉलेज से आईआईटी तक का सफरनामा और उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
Published on:
08 Nov 2019 04:32 pm