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IIT BHU ने स्टार्ट अप ’यंग स्किल्ड इंडिया’ से तोड़ा नाता, कहा इससे संस्थान का कोई सरोकार नहीं

स्टार्ट अप ’यंग स्किल्ड इंडिया’ के ’डाटर्स प्राइड’ कोर्स की खबर वायरल होने के बाद संस्थान के कुलसचिव ने जारी किया बयान। यंग स्किल्ड इंडिया ने भी ऐसे किसी कोर्स से किया इंकार।

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IIT BHU

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वाराणसी. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) ने संस्थान परिसर में चलने वाले स्टार्ट अप यंग स्किल्ड इंडिया से अपना नाता तोड़ लिया है। संस्थान के कुलसचिव डॉ एसपी माथुर ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि स्टार्ट अप ’यंग स्किल्ड इंडिया’ से उसका कोई संबंध नहीं, उसके द्वारा किए जा रहे किसी भी कार्य से संस्थान का कोई सरोकार नहीं। बता दें कि यह स्टार्ट अप यंग स्किल्ड इंडिया संस्थान के परिसर में ही संचालित हो रहा है। यहां तक कि पूर्व में इस स्टार्ट अप द्वारा किए गए कार्यों को आईआईटी बीएचयू प्रशासन भी सराहा करता रहा है। लेकिन विवाद बढ़ने के बाद संस्थान ने किनारा कस लिया है।

ये थी खबर
बता दें कि सोमवार को स्टार्ट अप यंग स्किल्ड इंडिया के हवाले से यह खबर प्रचारित हुई कि डाटर्स प्राइड- बेटी मेरा अभिमान या आदर्श बहू बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बताया गया कि बेटी से कुशल बहु बनने तक के सफर का सारथी बनेगा-स्टार्टअप "यंग स्किल्ड इंडिया"। "क्योंकि अपनी बेटी तो अपनी ही होती है"। ऐसे में बेटियों में आत्म विश्वास की कमी दूर हो पाएगी। बताया गया कि तीन सितंबर से "वनिता इंस्टिट्यूट सेंटर" में त्रैमासिक ट्रेनिंग की शुरुआत हो गई। कहा गया था कि हर मां-बाप की एक ही ख्वाहिस होती है की उनकी बेटियां शादी के पहले पढाई के बाद अपना एक सफल कैरियर बनाएं और शादी के बाद ससुराल में पूरे आत्मविश्वास के साथ सफल जिंदगी जीएं। कई बार अपनी बात दूसरों के सामने न कह पाने जैसी छोटी छोटी बातों की कमी बेटियों को अक्सर कुंठा ग्रस्त कर देती हैं जिसका असर पूरे परिवार की ख़ुशी पर पढ़ता हैं। नए दौर में हर लड़की चाहती है की वो अपने आपको अच्छे से प्रेजेंट कर सके, इंग्लिश में बात चीत कर सके, वो भी फैशन की बारीकियों को समझ सके या नए रिश्तों में कैसे खुद को ढालना है वो पहले से ही समझ सके। पढाई के साथ साथ ये सभी स्किल्स वो कॉलेज में नहीं सीख पाते हैं और शादी के बाद उन्हें ससुराल में अपने आप को एडजस्ट करने में सालों- साल लग जाते हैं। लगभग 75 फीसदी बेटियां आत्म विश्वास की कमी की समस्या से जूझ रही हैं। अगर लड़की में आत्म आत्म विश्वास नहीं होता है तो कई बार शादी में भी काफी देरी हो जाती है और बार बार रिजेक्ट होने की वजह से भी उसका मनोबल टूट जाता है। कई बार ससुराल के हिसाब से सोशली फिट न हो पाने की वजह से मन मुटाव व कई बार महीने के भीतर ही डाइवोर्स तक की नौबत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मालवीय नव प्रवर्तन केंद्र,आईआईटी बीएचयु कैंपस स्थित स्टार्टअप " यंग स्किल्ड इंडिया " के सीईओ नीरज श्रीवास्तव का कहना है की समाज में बढ़ती हुई इसी समस्या को देखते हुए " वनिता इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन डिज़ाइन " के साथ मिलकर "डाटर्स प्राइड - बेटी मेरा अभिमान " नामक कोर्स डिज़ाइन किया गया है जिसके तहत तीन महीने में बेटियों को सेल्फ कॉन्फिडेंस, इंटरपर्सनल स्किल्स, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स,स्ट्रेस हैंडलिंग, कंप्यूटर स्किल्स के साथ साथ फैशन स्किल्स, मैरिज स्किल्स और सामाजिकता के गुण भी सिखाये जाएंगे। इससे बहुत सी बेटियां जो संकोच के कारण दूसरों के सामने बोल नहीं पाती हैं उनमें आत्म विश्वास जगाने में बहुत मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में यंग स्किल्ड इंडिया स्टार्टअप द्वारा यह आपने आप में एक अनूठी पहल है जो समाज के लिए एक नजीर बन सकेगा। इस कोर्स में प्रोफेशनल स्किल्स ट्रेनर,फैशन डिज़ाइनर व काउंसलर की अहम् भूमिका रहेगी। अप्रवासी भारतीय सम्मलेन के समय बनारस से इस तरह की पहल, सबके लिए उत्सुकता और गर्व का विषय रहेगा, जिसकी तैयारी अभी से हो रही है। दूर दराज के जो मां-बाप अपने बेटियों को आगे बढ़ाना चाहते हैं वो हेल्पलाइन नंबर 8009321506 पर भी जानकारी लेकर "यंग स्किल्ड इंडिया" के "डाटर्स प्राइड - बेटी मेरा अभिमान " से जुड़ सकते हैं। वनिता इंस्टिट्यूट की डायरेक्टर इंदिरा मिश्रा ने कहा की यह शुरुआत कई बेटियों के साथ लाखों मां- बाप के लिए भी आशा की किरण की तरफ काम करेगी, क्योंकि अपनी बेटी तो अपनी ही होती है और पूर्वांचल के समाज को इससे एक नयी दिशा मिलेगी।

स्टार्ट अप के सीईओ ने भी खबर से कसा किनारा
लेकिन अगले ही दिन यानी मंगलवार को स्टार्ट अप यंग स्किल इंडिया के सीईओ नीरज श्रीवास्तव ने पत्रिका को भेजे ह्वाट्सएप मैसेज के माध्यम से बताया कि स्टार्टअप यंग स्किल्ड इंडिया द्वारा "आदर्श बहु बनाने जैसा कोई भी कोर्स नहीं चलाया जा रहा है, यंग स्किल्ड इंडिया बेरोजगारी पर काम करने वाला एक स्टार्टअप है जो सभी छात्र- छात्रों को प्रोफेशल स्किल्स की ट्रेनिंग देता है। वनिता पॉलिटेक्निक के साथ मिलकर छात्रों को प्रोफेशनल स्किल, कॉन्फिडेंस बिल्डिंग के साथ साथ जॉब इंटरव्यू स्किल्स की भी ट्रेनिंग देता है। इसे " आदर्श बहु बनाने " जैसे कोर्स से कोई लेना देना नहीं है।

आईआईटी बीएचयू ने कहा स्टार्ट अप से संस्थान का कोई संबंध नहीं
उधर डाटर्स प्राइड- बेटी मेरा अभिमान या आदर्श बहू बनाने की खबर के वायरल होने के बाद आईआईटी बीएचयू के कुलसचिव डॉ एसपी माथुर ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि संस्थान में इस तरह का कोई कोर्स नहीं चलता। उन्होंने यहां तक कहा है कि संस्थान ऐसे किसी भी प्रशिक्षण अथवा पाठ्यक्रम का समर्थन नहीं करता। डॉ माथुर ने बताया कि एक निजी स्टार्ट अप द्वारा प्रकाशनार्थ भेजी गई सूचना भ्रामक और पूरी तरह से बेबुनियाद है। संस्थान प्रबंधन ऐसे किसी भी पाठ्यक्रम का विरोध करता है। कुलसचिव ने कहा कि आईआईटी(बीएचयू) में आदर्श बहू बनाने की न कोई ट्रेनिंग दी जा रही है न ही ऐसा कोई कोर्स ही संस्थान में चलाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्टार्ट अप ’यंग स्किल्ड इंडिया’ द्वारा किये जा रहे किसी भी कार्य से संस्थान का कोई संबंध नहीं है। ’यंग स्किल्ड इंडिया’ एक निजी स्टार्ट अप है और शहर की एक निजी संस्था के साथ मिल कर संयुक्त रूप से चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम से संस्थान का कोई लेना देना नहीं है।