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जापानी राजदूत ने कहाः प्रदूषण वैश्विक समस्या, भारत और जापान मिल कर निकालेंगे समाधान

बीएचयू में पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान द्वारा 'पर्यावरण के क्षेत्र में भारत के लिए जापान के अनुभव व योगदान' विषयक संगोष्ठी।

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जापान के राजदूत बीएचयू में

जापान के राजदूत बीएचयू में

वाराणसी. भारत में जापान के राजदूत केंजी हिरामात्सु का कहना है कि प्रदूषण वैश्विक समस्या बन गई है। इस पर नियंत्रण के लिए जापान सरकार काफी काम कर रही है। भारत को भी इस दिशा में काफी मदद कर रही है। लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा। वैश्विक समस्या का समाधान वैश्विक प्रयास से ही संभव है। बीएचयू में पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान द्वारा 'पर्यावरण के क्षेत्र में भारत के लिए जापान के अनुभव व योगदान' विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि आए हिरामात्सु ने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में कहा कि पहले से ही बीएचयू और क्योटो यूनिवर्सिटी के बीच कई करार हो चुके हैं। इसे जापान सरकार आगे और बढ़ाएगी। विकास के हर मुद्दे पर भारत और जापान एक साथ हैं।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भारत में जापान के राजदूत केंजी हिरामात्सु ने कहा कि जापान में अत्यधिक आर्थिक प्रगति से पर्यावरण का बुरी तरह ह्रास हुआ है। ऐसे में जापान सरकार ने प्रदूषण जनित रोगों जैसे कि मिनामाटा एवं वायु प्रदूषणसे निजात पाने के लिए राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्टार पर सख्त नियम एवं कानून बनाया और उनके लागू किया। जापान सरकार ने पर्यावरण हितेषी यान एवं शहरी कचरा प्रबधन पर जोर दिया। जापान में पर्यावरण के क्षेत्र में 4093 एनजीओ कार्यरत है। उन्होंने कहा कि जापान में 75 प्रतिशत लोग पर्यावरण के विषयों में रुचि रखते है। उन्होंने कहा कि जापान सरकार ने भारत सरकार को वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए ऑफिसियल डेवलपमेंट असिस्टेंस (ओडीए) परियोजना के तहत तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग दिया जैसे दिल्ली में मेट्रो रेल तथा अहमदाबाद में इंटेलिजेंट परिवहन तंत्र तथा गंगा एक्सन प्लान के लिए सहयोग आदि शामिल है। केंजी हिरामात्सु ने पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थानकाशी के प्रति आभार प्रकट किया कि उन्होंने काशी और बीएचयू में आने का न्योता दिया।

इस मौके पर हिरामत्सु ने पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के प्राध्यापकों और विश्वविद्यालय के कुलसचिव व कार्यवाहक कुलपति डॉ नीरज त्रिपाठी के साथ इन्टरेक्शन किया। संस्थान की निदेशक प्रो कविता शाह ने मुख्य अतिथि को संस्थान में जापान के साथ चल रही विभिन्न गतिविधियों एवं अनुबंध के बारे अवगत कराया। साथ ही काशी-क्योटो संबंध एवं मोफा के अंतर्गत चल रहे कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई। इसके बाद मुख्य अतिथि ने जापान-भारत के अंतर्गत प्राध्यापकगण को शोध परियोजनाओं को प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्होंने अपना भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर प्रो राना, पीबी सिंह, प्रो कुमार पंकज, डॉ चन्दानी एवं समस्त प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। संस्थान की निदेशक प्रो. कविता शाह, संकाय प्रमुख एवं विभागाध्यक्ष प्रो. जीएस सिंह एवं पूर्व निदेशक प्रो. एएस रघुवंशी ने उपस्थिति दर्ज कराई। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. कविता शाह ने की जबकि संचालन ए. एस. रघुवंशी जी ने किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं कुलगीत से हुआ। प्रो. एएस रघुवंशी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। विश्वविद्यालय में पर्यावरण के संरक्षण के लिए की लागू योजनाओं पर कार्यवाहक कुलपति डॉ त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय में पर्यावरण के संरक्षण के लिए शोध मसलन कचरा प्रबंधन, सतत कृषि, वायु प्रदुषण नियंत्रण और जैव ईंधन तथा जैव विविधता पार्क, राजीव गांधी दक्षिणी परिसर से जुड़ी परियोजनाएं संचालित हैं। साथ हीमहामना मालवीय गंगा, नदी विकास एवं जल संसाधन प्रबंधन शोध केंद्र और महामना जलवायु परिवर्तन उत्कृष्ट शोध केंद्र कार्यरत हैं। प्रो. जीएस सिंह जी ने आभार जताया।

इससे पूर्व जापान के राजदूत केंजी हिरामात्सु नगर निगम गए और जापान के सहयोग से बनने वाले कन्वेंशन सेंटर का स्थलीय निरीक्षण किया। निगम के सामान्य विभाग के सहायक अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि जापानी राजदूत थोड़ी ही देर तक रहे और नगर निगम सदन व मेयर कक्ष के गिराए गए स्थल का मुआयना किया। अधिकारियों से बातचीत की। फिर वह बीएचयू के लिए निकल गए। अरविंद ने बताया कि जापान के राजदूत को महापौर मृदुल जायसवाल से भी मिलना था लेकिन समयाभाव के कारण मुलाकात नहीं हो सकी।