scriptहरिप्रसाद की बांसुरी ने रसिकों को रिझाया तो जावेद के गीतों ने झुमाया | Javed and Hariprasad in sankatmochan sangeet samaroh 3rd night | Patrika News
वाराणसी

हरिप्रसाद की बांसुरी ने रसिकों को रिझाया तो जावेद के गीतों ने झुमाया

संकट मोचन संगीत समारोह की तीसरी निशा में श्रोताओं का उमड़ा हुजूम।

वाराणसीApr 07, 2018 / 03:30 pm

Ajay Chaturvedi

पंडित हरिप्रसाद चौरसिया

पंडित हरिप्रसाद चौरसिया

वाराणसी. संकटमोचन संगीत समारोह की तीसरी निशा पंडित हरिप्रसाद चौरसिया और गीतकार जावेद अख्तर के नाम रही। बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया की सुरीली तान ने जहां संगीत रसिकों को जमकर रिझाया तो गीतकार जावेद के गीतों ने झुमाया। संगीत रसिकों के लिए तीसरी निशा में पंडित बिरजू महाराज की शिष्या महुआ शंकर के कथक ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया। महुआ ने ताल धमार में चतुरंग से अपनी प्रस्तुति का आगाज किया। राग मारवा में निबद्ध रचना को आधार बनाकर की गई चतुरंग की प्रस्तुति ने दर्शकों को भा गई। इसके पश्चात महुआ शंकर ने तीन ताल में पारंपरिक बंदिशें पेश कीं। फिर दादरा पर भाव नृत्य किया। विदुषी गिरिजा देवी उर्फ अप्पाजी की रचना दीवाना किए श्याम क्या जादू डाला पर उनके भाव नृत्य को दर्शक निहारते रहे। अपने कार्यक्रम का समापन उन्होंने तत्कार से किया। तत्कार कथक की वह खूबी है जिसके अंतर्गत पैरों का काम दिखाया जाता है। उनके साथ तबले पर उस्ताद अकरम खान सारंगी पर उस्ताद मुराद अली ने संगत की। हारमोनियम और गायन शोहेब हसन और बोल पढ़ंत नूपुर शंकर ने किया।
महुआ शंकर
संकटमोचन संगीत समारोह में उमड़ा संगीत रसिकों का सैलाब

तीसरी निशा की कड़ी को आगे बढ़ाया लखनऊ की सुरभि सिंह ने। उन्होंने लखनऊ घराने के अंदाज का कथक पेश करते हुए शुरुआत उपज अंग से की। उपज अंग के तहत तबला और घुंघरू के बीच के सामंजस्य को लयकारी के साथ दिखाया जाता है। वह अपनी इस प्रस्तुति में दर्शकों को जोड़ने में सफल रहीं। वैसे भी कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि मैं यहां परीक्षा देने आई हूं। इस दरबार में मेरी हाजिरी है दर्शकों पर निर्भर है कि परीक्षा परिणाम क्या होगा। कार्यक्रम जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया वैसे वैसे दर्शकों की ओर से प्रशंसा के रूप में अंक दिए जाते रहे। भगवान शंकर और मां काली के रूपों पर आधारित भाव नृत्य की प्रस्तुति के उपरांत उन्होंने मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो रचना पर बाल मुद्राओं की विविधता दर्शकों के सम्मुख प्रस्तुत दी।

इसके बाद गीतकार जावेद ने मंच संभाला। उन्होंने मंच से एकता, शांति और प्रेम के संदेश को आम जन तक पहुंचाया तो वहीं कुछ कविताओं के माध्यम से दर्शकों से रूबरू हुए। अगली कड़ी में पं. हरिप्रसाद चौररिसा ने जब बांसुरी की तान छेड़ी तो हर कोई अपलक, शांतचित्त होकर बस सुनता ही रहा। उन्होंने राग विहाग में रुपक से कार्यक्रम शुरू किया। तीन ताल में बंदिश पेश करने के बाद वह श्रोताओं की ओर मुखातिब थे। श्रोताओं की मांग पर उन्होंने एक से बढ़कर प्रस्तुतियां दीं। उनके साथ तबले पर विजय घाटे, बांसुरी पर विवेक सोनार और देवप्रिय ने संगत की।
संकटमोचन संगीत समारोह
संकटमोचन संगीत समारोह
इसके बाद कव्वाली पेश करने के लिए निजामी ब्रदर्स ने मंच संभाला तो युवाओं ने अपने पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया। जिसके बाद निजामी प्रदर्शनी एक से बढ़कर एक कव्वाली पेश कर श्रोताओं को खूब झुमाया। जैसे ही वह जय हिंद नारा लगाकर विदा होने लगे तो युवाओं ने वंस मोर वंस मोर की बात कर और भी सुनने की इच्छा व्यक्त की।

समारोह की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मध्य रात्रि के बाद नवनीता चौधरी गायन के लिए मंच संभाली उसके बाद मोइनुद्दीन खा सारंगी, मोमिन खां और अकरम खान की जोड़ी ने जबरदस्त समा बांधा। उनके बाद विदुषी शुभ्रा गुहा गायन से श्रोताओं को माया पॉश में बांधी रही। उनके बाद पं. नरेंद्र नाथ धर के सरोद से तीसरी निशा के कार्यक्रम को विश्राम दिया।
संकटमोचन संगीत समारोह
आज के कार्यक्रम

नलिनी कमलिनी कथक दिल्ली

गुरु जितेंद्र महाराज पढ़न्त गायन

उस्ताद अकबर लतीफ खान तबला
उस्ताद अफजाल हजूर वायलिन

नलनी निगम गायन

अतुल शंकर बांसुरी

2. प्रशांत समाधार गायन मुंबई
देवप्रिया बांसुरी मुंबई
फजल कुरैशी तबला मुंबई
3. पंडित आनंदो चटर्जी तबला सोलो कोलकाता
उस्ताद मोइनुद्दीन खां सारंगी जयपुर

4. नीलाद्रि कुमार सितार मुम्बई
विजय घाटे तबला पुणे

5. पीयू मुखर्जी गायन कोलकाता
पं. कुबेरनाथ मिश्र तबला वाराणसी
पंडित धर्म नाथ मिश्र हारमोनियम वाराणसी
6. पंडित तरुण भट्टाचार्या संतुर कोलकाता
पं. संजू सहाय तबला वाराणसी

7. पंडित विजय घाटे तबला पुणे
पंडित श्रीधर पार्थसारथी मृदंगम
शीतल कोलवलकर गायन
तन्मय हारमोनियम
नागेश गायन

8. डॉक्टर अश्विन महेश दलवी सुरबहार जयपुर
अंकित पारीख पखावज वाराणसी
गीतकार जावेद अख्तर को सम्मानित करते प्रो विश्वंभरनाथ मिश्र

Hindi News / Varanasi / हरिप्रसाद की बांसुरी ने रसिकों को रिझाया तो जावेद के गीतों ने झुमाया

ट्रेंडिंग वीडियो