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गरीबी में चमका काशी का युवा तैराक कमल, अब योगी सरकार ने किया प्रतिभा का सम्मान

Varanasi News : योगी सरकार ने कुशल खेल कोटे से 233 युवाओं को यूपी पुलिस में कांस्टेबल (आरक्षी) पद पर नियुक्ति दी है। काशी की पटेल सिस्टर के अलावा गरीबी में आगे बढे राजघाट के रहने वाले कमल कुमार सहानी को भी आरक्षी पद पर नियुक्ति मिली है।

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Varanasi News : खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार खिलाड़ियों की प्रतिभाओं का सम्मान कर रही है। इसी क्रम में योगी सरकार ने बुधवार को 233 युवा खिलाड़ियों को यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति दी। ट्रेनिंग के बाद जल्द ही इनकी पोस्टिंग होगी। इस नियुक्ति में काशी की तैराक पटेल सिस्टर के अलावा राजघाट के रहने वाले कमल कुमार साहनी का नाम भी शामिल है, जिन्होंने गरीबी में अपना जीवन गुजार कड़ी मेहनत से आज इस मुकाम को पाया है।


मल्लाह परिवार का बेटा है कमल

काशी में खुद को गंगा पुत्र कहने वाले मल्लाह समुदाय के मदन लाल साहनी का पुत्र सरकारी नौकरी में आएगा यह किसी ने सोचा भी नहीं था। योगी सरकार ने जब 233 युवा खिलाड़ियों की लिस्ट में कमल कुमार सहानी का नाम सेलेक्ट किया तो उसका परिवार ख़ुशी से झूम उठा। बचपन से मां गंगा की गोद में अठखेलियां करने वाला कमल 5 बार का तैराकी में नेशनल मेडल लाने वाला खिलाड़ी है।

सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम के तरणताल से सीखा प्रोफेशनल तैराकी

कमल ने patrika.com को बताया कि सहानी परिवार में जन्म लिया तो गंगा मैया की गोद ही हम लोगों का स्पोर्ट्स ग्राउंड रहा। गंगा में तैरना, उसमे अठखेलियां करते बचपन बीत गया। उसके बाद होश संभाला तो किसी से सिगरा स्पॉटर्स स्टेडियम के स्वीमिंग पूल के बारे में पता चला और फिर कोच नवीन यादव की देख-रेख में यहां प्रोफेशनल स्विमिंग का ककहार सीखा और पांच बार नेशनल मेडल जीता। इस समय लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर की तरफ से खेल रहा हूं। कमल ने योगी सरकार का धन्यवाद दिया।

पिता के नहीं रुक रहे खुशी के आंसू

कमल के पिता मदन लाल सहानी की माने तो उन्हें विश्वास ही नहीं है कि उनक बेटा सरकार नौकरी में आ गया है। हमारी किसी भी पीढ़ी में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं रहा। कमल बचपन से ही अच्छा तैराक था इसलिए घाट पर तैरना सिखाने वाले नवीन यादव ने उसे सिगरा स्टेडियम में एडमिशन करवाया और उसने भी उनके फैसले को सच साबित किया और 5 बार नेशनल मेडल जीता। आज वह पुलिस में नौकरी पा गया है। इससे बड़ी गर्व की बात और क्या होगी।