5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Kashi Vishwanath Temple: काशी विश्वनाथ मंदिर में 10 पुजारियों पर कार्रवाई, पूजा करने पर लगी रोक

Kashi Vishwanath Temple: वाराणसी के कमिश्नर ने काशी विश्वनाथ मंदिर के दो पुजारियों और एक सहायक पीआरओ को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।

2 min read
Google source verification
Kashi Vishwanath Temple

काशी विश्वनाथ मंदिर

वाराणसी. काशी विश्वनाथ मंदिर में 10 पुजारियों के पूजा करने पर रोक लगा दी गई है। निशुल्क शास्त्री के नाम से जाने जाने वाले इन पुजारियों पर भ्रष्टाचार और दुर्व्यवहार का आरोप है। जांच के बाद शिकायत सही पाए जाने पर मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने सभी के पास निरस्त करते हुए मंदिर परिसर में उनके पूजा पाठ करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा दो शास्त्रियों और मंदिर के एक सहायक पीआरओ को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

जिन निशुल्क शास्त्रियों पर कार्रवाई की गई है इन सबको हेल्प डेस्क की ओर से रखा गया था। टिकट खरीदकर सुगम दर्शन करने वालों को दर्शन पूजन में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिये इनकी तैनाती की गई थी। पर इधर इनकी शिकायत मिलने लगी थी। इनपर आरोप लग रहे थे कि भक्तों को मंदिर के अंदर ले जाने के बाद ये निशुल्क शास्त्री जबरदस्ती रस्म अदा करवाते थे। मंडलायुक्त ने जांच की तो पाया कि हेल्प डेस्क की ओर से रखे गए निशुल्क शास्त्री दर्शनार्थियों से निर्धारित शुल्क से अतिरिक्त पैसों की मांग करते हैं, इसके अलावा मंदिर के कर्मचारियों के भी श्रद्धालुओं से दुर्रव्यवहार करने की शिकायतें प्राप्त हुई थी।

आरोप सहीपाए जाने के बाद इसके बाद 10 निशुल्क शास्त्रियों पर कार्रवाई की गई। कमिश्नर ने कहा है कि मंदिर की मर्यादा के अनुरूप काम न करने वाले और छवि खराब करने वाले कर्मचारियों और निशुल्क शास्त्री की मंदिर में कोई जगह नहीं है। उन्होंने सभी को चेतावनी भी दी है कि आगे किसी की शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करने में तनिक भी देर नहीं लगेगी।


बताते चलें कि काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को सुगम दर्शन की व्यवस्था है। इसके लिये 300 रुपये का शुल्क देकर रसीद कटवानी पड़ती है। इन भक्तों को सुगम दर्शन की व्यवस्था के लिये निशुल्क शास्त्री तैनात किये गए हैं जो इनकी मदद करते हैं। इसके लिये उन्हें 30 रुपये का भुगतान भी किया जाता है। आरोप मिलने के बाद मंडलायुक्त ने पुजारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की और दूसरों के लिये चेतावनी भी जारी की।