
वाराणसी में केन्द्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहाकि, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर सर्वे का विरोध करना ठीक नहीं है। कोर्ट के निर्देश पर ज्ञानवापी का सर्वे कराया जा रहा है। सच को दिखाने या फिर उसकी वीडियोग्राफी पर किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मुस्मिल पक्ष के ज्ञानवापी के सर्वे में लगे एडवोकेट कमिशनर को बदलने की मांग पर कौशल किशोर ने कहा कि मांग तो कोई भी कर सकती है, लेकिन जब कोर्ट ने निर्णय कर दिया है कि ज्ञानवापी का सर्वे होना चाहिए तो किसी को भी सर्वे से डरने की क्या जरूरत है। सच तो सामने आने ही चाहिए। मुस्लिम पक्ष के ज्ञानवापी के अंदर का सर्वे तथा वीडियोग्राफी का विरोध नहीं होना चाहिए। आप भी जानते हैं कि ज्ञानवापी का मतलब क्या होता है।
ज्ञानवापी मंदिर या मस्जिद, फैसला अदालत करेगी
केन्द्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहाकि, वैसे भी ज्ञानवापी शब्द कोई उर्दू का शब्द नहीं है। अब कोर्ट के सर्वे के बाद सब तय हो जाएगा। यह मंदिर है या मस्जिद, फैसला अदालत करेगी।
बड़ी अदालत जा सकते हैं ओवैसी
एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के ज्ञानवापी के सर्वे को कानून का उल्लंघन करने वाला बताने पर मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि, कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उसका अनुपालन जरूरी है। अगर ओवैसी को लगता है कि कोर्ट का आदेश ठीक नहीं है तो वह दूसरी अदालत में जा सकते हैं।
10 को पेश होगी रिपोर्ट
वाराणसी में शनिवार को भी ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट कमिशनर टीम का सर्वे तथा वीडियोग्राफी हुई। ज्ञानवापी परिसर में शुक्रवार को शुरू हुई कमीशन की कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी थी। उधर वकीलों का आरोप था कि शुक्रवार को उन्हें प्रतिवादी पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग को पार करने से रोक दिया गया। इसकी जानकारी यहां के जिलाधिकारी को दी गई है। उम्मीद है कि मस्जिद में कमीशन की कार्यवाही शनिवार को पूरी हो जाएगी। दस को एडवोकेट कमिश्नर को अपनी रिपोर्ट सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में पेश करना है।
श्रृंगार गौरी का विरोध
काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी कई विग्रहों के सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष ने विरोध जताया है। मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट कमिश्नर पर पक्षपात का आरोप लगाया गया है।
Published on:
07 May 2022 06:17 pm
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