
Nirahua
वाराणसी. लोकसभा चुनाव 2019 के नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दलों की सरगर्मी तेज हो गई है। सभी पार्टी जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में जुट गए हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने भोजपुरी सितारों को उतारने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार दिनेश लाल निरहुआ को बीजेपी लोकसभा चुनाव 2019 में आजमगढ़ सीट से अखिलेश यादव के खिलाफ उतारने जा रही है।
जानिए कौन है दिनेश लाल निरहुआ
दिनेश लाल निरहुआ भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार हैं। भोजपुरी के स्टार कहे जाने वाले निरहुआ की लाइफ काफी स्ट्रगल वाली रही है। कभी उनके घर में एक साइकिल तक नहीं थी और अब भोजपुरी के स्टार बन जाने के बाद वे एक फिल्म के 40 से 50 लाख रुपए बतौर फीस लेते हैं और आज निरहुआ की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि उनके नाम से ही फिल्मों के नाम तय किए जा रहे हैं। भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' की दो फिल्में 'निरहुआ चलल ससुराल-3' और 'निरहुआ चलल अमेरिका' सुपरहिट रहा।
गाने से की थी करियर की शुरुआत, किस्मत से बन गए स्टार
साल 2005 में दिनेश मुंबई चले गए। एक फिल्म डायरेक्टर के कहने पर उन्होंने फिल्म 'चलत मुसाफिर..' में दो गाने गाए और फिर इत्तेफाक हुआ कि एक्टिंग भी की। इस फिल्म में उन्होंने छैला बिहारी के दोस्त का किरदार निभाया और फिल्म हिट रही। इसके बाद ही उनके पास सर्पोटिंग एक्टर के रोल ऑफर हाेने लगे, लेकिन उनके मन में हीरो बनने की चाह थी। इसी चाह और उनकी इमानदारी से की गई मेहनत ने आज निरहुआ को स्टार बना दिया।
पिता की मासिक आमदनी थी 3500 रुपए
दिनेश गाजीपुर के टंडवा गांव के रहने वाले हैं। जब वे छोटे थे तब उनके घर की माली हालत ठीक नहीं थी। एक वक्त ऐसा भी था जब उनके पिता की मासिक आमदनी महज 3500 रुपए होती थी और इसी में सात लोगों का परिवार चलता था।
घर चलाने के लिए और पैसे चाहिए थे इसीलिए उनके पिता अपने दोनों बेटों को लेकर कोलकाता चले गए। इस दौरान उन्होंने पत्नी और तीन बेटियों को गांव में ही छोड़ दिया था। कोलकाता में निरहुआ ने काफी संघर्ष किया। वे एक झोपड़पट्टी में अपने पिता और भाई के साथ रहे। इस दौरान उनके पिता मजदूरी कर 3500 रुपए कमाते थे।
पिता चाहते थे नौकरी करे, गायकी में लगता था दिनेश का मन
कोलकाता से दिनेश ने अपनी शुरुआती पढ़ाई की।1997 में वे लोग वापस अपने गांव लौट आए। इसके बाद दिनेश ने गाजीपुर के मलिकपुरा कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की। उनके पिता चाहते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर कोई अच्छी-सी नौकरी करे, लेकिन दिनेश को कुछ और ही पसंद था। दिनेश अपने चचेरे भाई बिरहा गायक विजय लाल यादव से काफी इम्प्रैस हुए और उन्हीं की तर्ज पर सिंगिंग की फील्ड में कदम बढ़ाया।
2003 में 'निरहुआ सटल रहे' एलबम ने बदल दी जिंदगी
दिनेश के छोटे भाई प्रवेश लाल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि भैया ने बहुत स्ट्रगल किया है। घर में साइकिल तक नहीं थी। कहीं आने-जाने के लिए पैदल ही सफर तय करना पड़ता था। साल 2003 में दिनेश लाल यादव का म्यूजिक एलबम 'निरहुआ सटल रहे' सुपरहिट हुआ था। इसी से वे स्टार बन गए थे।
एलबम से मिली थी पहचान, बन गए सुपर स्टार
इससे पहले 2001 में उनके दो म्यूजिक एल्बम 'बुढ़वा में दम बा' और 'मलाई खाए बुढ़वा' रिलीज हुए थे। इसकी बदौलत उन्हें पहचान मिल गई थी। धीरे-धीरे वे भोजपुरी फिल्मों के स्टार बन गए। इसके बाद उन्हें फिल्मों में मौका मिला। दिनेश के भाई प्रवेश भी भोजपुरी फिल्मों में काम करते हैं।
Published on:
27 Mar 2019 02:42 pm
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