
आईएएस सुरेन्द्र सिंह
वाराणसी/भदोही. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में योगी सरकार ने अब जो जिलाधिकारी भेजा है वो न सिर्फ तेज तर्रार हैं, बल्कि काफी हार्ड वर्किंग भी हैं। उनकी कार्यशैली और तेवर से भदोही जिला बखूबी वाकिफ हैं। तेवर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तब उन्होंने तत्कालीन मंत्री तक को नहीं बख्शा था। विकास कार्यों में खुद रुची लेते थे, यही वजह थी कि उन्होंने मनरेगा जैसी योजना में जिले को पूरे देश में अव्वल कर दिया था। उन्होंने जहां जिले के भ्रष्ट और कामचोर कर्मचारियों और अधिकारियों पर सख्ती की वहीं जनता के दिल में जगह बनायी और उनका विश्वास जीता। यही वजह रही कि जब उनका ट्रांसफर हुआ तो लोग उन्हें रथ पर बैठाकर 10 किलोमीटर तक विदायी का जुलूस निकाला था। इतना ही नहीं फिरोजाबाद का डीएम रहते हुए शांतिपूर्वक और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिये चुनाव आयोग भी सम्मानित कर चुका है।
सुरेन्द्र सिंह 2005 बैच के आईएएस रहे, जिन्होंने देश मे 21वां और यूपी में पहला स्थान पाया। 2009 -2010 के दौरान करीब एक साल से ज्यादा समय तक उनकी तैनाती भदोही जिले में जिलाधिकारी के रूप में रही। यहां उन्हें अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिला तो उन्होंने भी इसके लिये कड़ी मेहनत की। अधिकिारी से लेकर कर्मचारी तक कुछ ही दिनों में उनकी कार्यशैली से परिचित हो गए। वह कभी भी विभागों पर छापेमारी कर देते। इसके चलते विभागों में काम राइट टाइम होने लगे और उनका खौफ रहता था।
केन्द्र सरकार ने जब मनरेगा एक्ट लागू किया तो इसको डीएम सुरेन्द्र सिंह ने अपने जिले में पूरे मन से लागू कराया। उन्होंने विभाग को टीम की तरह इस्तेमाल कर जिले में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार दिये। इसके लिये जिले भर में तालाब खोदवाए और दूसरे काम कराए। उनकी यह मेहनत रंग लायी और जब पूरे देश में मनरेगा के कामों की समीक्षा हुई तो भदोही उसमें सरे फेहरिस्त रहा। इसके लिये उन्हें केन्द्र सरकार की ओर से सम्मानित किया गया।
इस दरम्यान उनकी कार्यशैली से जनता में विश्वास जगा और वह लोगों के दिलों में उतर गए। यही वजह रही कि जब उनके ट्रांसफर की खबर आयी तो लोग मायूस हुए। अपने चहेते डीएम के तबादले की खबर से लोगों को अफसोस हुआ। तबादले के बाद जब वह जाने लगे तो उनकी विदायी भी ऐतिहासिक रही। लोगों ने अपनी ओर से उनका विदायी समारोह रखा। यह काफी भव्य था। ज्ञानपुर मुख्यालय के विकास भवन पर उनका विदायी समारोह रखा गया। उसके बाद वहां से सजे हुए रथ पर उन्हें बैठाकर करीब 10 किलोमीटर का सफर तय कर जुलूस के साथ गोपीगंज पहुंचाया गया।
बाद में सपा सरकार के दौरान वह मुख्य सचिव आलोक रंजन की टीम का हिस्सा बने। इस दौरान कई बार भदोही जिले में आने के दौरान लोगों से विकास को लेकर जानकारियां लेते रहते थे।
by mahesh jaiswal
Published on:
23 Jun 2018 11:02 pm
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