
साल 2007 में मुख्तार और अफजाल अंसारी पर के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था।
गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है। गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में दोषी करार देते हुए 10 साल कैद और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
कृष्णानंद राय की 2005 में गाजीपुर में हत्या कर दी गई
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 2005 में गाजीपुर में हत्या कर दी गई है। साल 2007 में मुख्तार और अफजाल अंसारी पर के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस केस में 2005 में हुई कृष्णानंद राय की हत्या और नंद किशोर रुंगटा अपहरण मामले को आधारा बनाया गया था।
आइए जानते हैं क्या है नंद किशोर रुंगटा अपहरण मामला, अंसारी ने धमकी देते हुए क्या कहा था...
विधायक मुख्तार अंसारी ने विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष व कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा का अपहरण कराया था। इसके पीछे उसकी मंशा चुनाव लड़ने के लिए पैसे का इंतजाम का इंतजाम करना था। तीन करोड़ की फिरौती के लिए मुख्तार ने अपने गुर्गे पांच लाख के इनामी अताउर रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर को इस वारदात को अंजाम देने के लिए लगाया था।
हत्या कर शव को प्रयाग राज में ठिकाने लगा दिया गया था
वर्ष 1997 में भेलूपुर थाना क्षेत्र की जवाहर नगर कालोनी में रहने वाले कोयला कारोबारी के घर बाबू खुद हजारीबाग का कोयला कारोबारी विजय बनकर गया था। घर में बिजनेस डील को लेकर बातचीत के दौरान इनामी बाबू चाय पीने व दस्तावेज दिखाने के बहाने उन्हें घर से बाहर ले गया। इस दौरान कार में बैठाकर कुछ देर तक उसने नंद किशोर रूंगटा को घुमाया। कोयला कारोबार से जुड़े फर्जी दस्तावेज भी दिखाए।
इसके बाद चाय पिलाई। चाय में नशीला पदार्थ मिला होने के कारण नंद किशोर सुधबुध खो बैठे। इसके बाद 22 जनवरी 1997 को उनके घर फोन कर परिवारीजन को उनके अपहरण की जानकारी देते हुए तीन करोड़ रुपये की पेशकश की। जानकारों का कहना है कि इसमें एक करोड़ की पहली किश्त दे भी दी गई लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। जानकारों की माने तो उनकी हत्या कर शव को प्रयाग राज में ठिकाने लगा दिया गया था।
नंदकिशोर रूंगटा का 22 जनवरी, 1997 को अपहरण हुआ था
इसके बाद गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थानांतर्गत महरुपुर गांव निवासी अताउर रहमान उर्फ बाबू भाग कर नेपाल चला गया। इस मामले की सीबीआइ जांच भी हुई थी, लेकिन अताउर रहमान उनके हाथ नहीं लगा। मुख्तार ने नेपाल से उसे बुलाकर विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी लगाया। अताउर रहमान ने ही सभी शूटरों का इंतजाम किया था।
वाराणसी के भेलूपुर थाने में नंद किशोर रूंगता के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा ने एक दिसंबर 1997 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पांच नवंबर 1997 को शाम पांच बजे टेलीफोन पर उन्हें मुख्तार ने धमकी दी कि अगर पुलिस का सहयोग करेंगे तो बम से उड़ा दिया जाएगा। उनके भाई नंदकिशोर रूंगटा का 22 जनवरी, 1997 को अपहरण हुआ था।
Published on:
29 Apr 2023 04:20 pm
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