
Learn to speak Sanskrit in 14 days in Varanasi
वाराणसी। संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी कही जाती है। धर्म की नगरी काशी में भी कई संस्कृत विद्यालयों के माध्यम से इसे सिखाया जाता है। ऐसे में संस्कृत के प्रति लोगों के लगाव और प्रचार-प्रसार के लिए काशी से एक नयी पहल की शुरुआत की गयी है। शहर के पार्श्वनाथ विद्यापीठ ,आईआईटी करौंदी, लंका में संस्कृत भारती ( उत्तर प्रदेश) न्यास काशी के अंतर्गत संवादशाला शुरू की गयी है, जहां आप 14 दिनों में फर्राटेदार संस्कृत बोलना सीख सकते हैं।
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सीख सकते हैं संस्कृत
संस्कृत के प्रचार-प्रसार की दिशा में काम करने वाली संस्कृत भारती (उत्तर प्रदेश) न्यास काशी द्वारा इस समय काशी में संवादशाला शुरू की गयी है। इस संवादशाला में 14 दिन तक प्रशिक्षण लेकर कोई भी फर्राटेदार संस्कृत बोल सकता है ऐसा दावा किया गया है। इसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक कोई भी एडमिशन लेकर प्रशिक्षण ले सकता है।
14 दिन डिजिटल दुनिया से रहना होगा दूर
संवादशाला के शिक्षण प्रमुख यज्ञनारायण पांडेय ने बताया कि हमने संस्कृत सिखाने की जो पहल की है उसमे जो भी एडमिशन लेगा उसे 14 दिन हमारी संवादशाला में ही रहना होगा। उसके पास मोबाइल नहीं होगा यह पहली शर्त हैं। उसे 14 दिनों तक डिजिटल दुनिया से दूर रहना होगा। यहां तक की विशेष वजह होने पर ही उसे अपने परिजनों से बात करने की अनुमति होगी क्योंकि वो हिंदी में बात करेंगे इसलिए बातचीत पर मनाही होगी।
संस्कृत के वातावरण में दिया जाएगा प्रशिक्षण
यज्ञनारायण ने बताया कि जिस तरह एक छोटा बच्चा घर के वातावरण में बोलना सिख जाता है और उसे व्याकरण की समझ आ जाती है। वैसे ही हम अपनी इस संवादशाला में संस्कृत का वातावरण बना रहे हैं। यहां आने वाले हर व्यक्ति को संस्कृत में बात करनी होगी। इसके अलावा इस संवादशाला के सभी ऑफिस वर्क भी संस्कृत में हो रहे हैं साथ ही सभी जगह लगे सूचना पट्ट और अन्य बोर्ड भी संस्कृत में हैं।
2 हजार से अधिक लोग सीख चुके हैं संस्कृत बोलना
इस संवादशाला से संस्कृत सीख रहे छात्र ने बताया कि मुझे यहां आये चार दिन हुए हैं पर आसानी से संस्कृत बोल पा रहा हूं। यहां जिस दिन एडमिशन लिया था उस दिन हमें आम बोलचाल की भाषा सिखाई गयी थी। उसके बाद धीरे-धीरे मुझे भाषा अच्छी लगने लगी और आज मै आसानी से संस्कृत बोल रहा हूं। अभी तक इस संवादशाला से 2 हजार लोग संस्कृत सिख चुके हैं और जिसमें विदेशी छात्र भी शामिल हैं।
एक दिन में होती है पांच कक्षाएं
संवादशाला के शिक्षक अनुज कुमार तिवारी ने बताया कि हम संवादशाला में आने वाले छात्र को सबसे पहले उसका नाम क्या है, उसे कैसे दूसरों से उनका नाम पूछना जैसी सामान्य चीजें सिखाते हैं। उसके बाद उससे बड़े वाक्यों को बोलने की प्रैक्ट्स करवाते हैं। यहां छात्रों को रोजाना 5 क्लास करनी पड़ती है।
इतनी लगेगी फीस
काशी से देव भाषा को लेकर शुरू हुई यह पहल काबिले तारीफ है। इसे कोई भी आसानी से सीख सकता है। इस स्पेशल 14 दिनों के लिए भारतीय छात्रों को 1000 रूपये और विदेशी छात्रों के लिए 25 सौ का शुल्क का निर्धारण किया गया है। इसमें रहना, खाना, किताब और परीक्षा का शुल्क इंक्लूड है।
Published on:
09 Mar 2023 06:09 pm
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