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योगी जी, रीना सिंह का दर्द यूपी पीसीएस की परीक्षा देने वाले हर छात्र का दर्द है 

योगी जी, रीना सिंह का दर्द यूपी पीसीएस की परीक्षा देने वाले हर छात्र का दर्द है 

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Awesh Tiwary

Jul 21, 2017

UPPCS, allahabad, PCS PRE EAXMINATION 2012, DINESH

UPPCS, allahabad, PCS PRE EAXMINATION 2012, DINESH YADAV, LOK SEWA AAYOG, UTTAR PRADESH, UTTAR PRADESH PCS

वाराणसी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी पीसीएस परीक्षाओं की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। प्रतियोगियों की निगाहें आयोग में हुए 5 साल के सच जानने के लिए बेसब्री से टिकी थी। योगी सरकार के आने के बाद उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में सीबीआई की जाँच और अन्य पदाधिकारियों की बर्खास्तगी को लेकर प्रतियोगियों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी । हमने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ी लिखी रीना सिंह से इस मसले पर बात की है वो यूपी पीसीएस की परीक्षा लगातार दे रही है है।उन्होंने अपनी बात पत्रिका को एक पत्र लिखकर कही है। आइये पढ़ते हैं क्या कहती है रीना सिंह-

लगातार विवादों में रहा है यूपी लोक सेवा आयोग
2012 में सपा सरकार के गठन के बाद से ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सारी परीक्षाएं शक के घेरे में थी।अनिल यादव के आयोग में अध्यक्ष बनने के बाद पीसीएस परीक्षा में निरंतरता तो आई ,परन्तु आयोग विवादों में भी लगातार घिरा रहा । इसका कारण था कि इन पांच सालों में कुछ परिणाम चौंकाने वाले आये ,आयोग का अंतिम परिणाम आने के बाद एक ही बात की चर्चा रहती जिसका होना चाहिए उसका नही हुआ ,जिसका नही होना चाहिए उसका हुआ । मैंने भी बहुत से ऐसे लोगो को देखा, जिनमे हतप्रभ करने वाले कुछ परिणाम थे। मै 2014 से पीसीएस की परीक्षा दे रही हूँ ,पर मेरा भी कुछ नम्बर से नही हुआ,इसमें मेरी भी कही न कही से तैयारी की कमी थी ,लेकिन मेरे कुछ मित्र और जानने वाले लोग ,जिनको मैंने हाड़तोड़ मेहनत करते देखी थी और जो बेहद मेधावी थे जिनसे सबही उम्मीद भी रहती थी कि इन लोगों का जरूर होगा, लेकिन उनका भी न हुआ।

इन छात्रों का क्या कुसूर
मेरे एक नजदीकी केंद्रीय विश्व विद्यालय में हिंदी से गोल्डमेडलिस्ट,मेधावी भी हैं उनका कोई भी पीसीएस प्री नही रुकता था। उन्होंने कई बार मुख्य परीक्षा भी दी कई साक्षात्कार भी दिए ,पर अफसोसजनक न हुआ। उनके जैसे मेधावी को आयोग द्वारा भावार्थ में नम्बर न के बराबर देना भी चौंकाने वाला था।मेरे बगल में रहने वाली एक मेरी अच्छी मित्र और एक मेरी दीदी और दो चार लोग ऐसे थे ,जिनका होना तय माना जाता था पर उनका भी न हुआ। गौरतलब है कि 2012 से अब तक हुई भर्तियों की सीबीआई जांच के दायरे में 600 से अधिक भर्तियां 45,000 पद होंगे।यह वो नियुक्तियां है जिनपर प्रतियोगी छात्रों ने लगातार सवाल उठाये और इसे लेकर 2012 से लगातार आंदोलन जारी रहा ,आयोग के सारे पेपर लीक होना ,किसी वर्ग विशेष और क्षेत्र विशेष ,सत्ता में बैठे हुए आकाओं के नजदीकी लोगों के अभ्यर्थियों की नियुक्ति देने के आरोपों को लेकर छात्रों ने इन भर्तियों को रद्द करवाने और जाँच की मांग को लेकर 700 से अधिक याचिकाएं कोर्ट में दाखिल की।

सच्चाई की जमीन बेहद खुरदुरी
2013 से सुनने में आता था कि लोग किस तरह पूरे जुगाड़ और पैसे के बल पर आयोग की परीक्षा पास करते थे पहले तो हमें भी विश्वास नहीं होता था लेकिन बाद में जब मैंने सच्चाई की जमींन पर कदम रखा मुझे भी यकीं हो गया कि सब कुछ ठीक नहीं है लेकिन अखिलेश सरकार ने न तो कोई जाँच कराई ,न तो इन धांधली पर रोक लगाना मुनासिब समझा ।इसी तरह लखनऊ आयोग का भी गठन हुआ ,रोजगार को बढ़ावा देने के लिए ,परन्तु उस आयोग द्वारा हुई नियुक्तियों को देखे तो लगता है दस फीसदी लोगों को छोड़ दिया जाय तो लगता है कि वह सिर्फ सत्ता में बैठे हुए लोगों के लिए ही गठित हुआ।

जब रामगोपाल की बहु का बदल दिया परीक्षा केंद्र
2015 में ही प्री का पेपर लीक होना मुख्य परीक्षा में सुहासिनी बाजपेयी की कॉपी बदलने का मामला आयोग में हो रहे भ्रष्टाचार का ताजा उदाहरण रहा है। पीसीएस की प्री परीक्षा में 25 सवालों के गलत होने का मामला भी सामने आया था। अब सवाल ये उठता है कि पेपर बनाने के लिए आये विषय विशेषज्ञ जब इतनी कमी है,तो हर बार ऐसे लोगों को क्यों चुना जाता था। इस मामले को भी लेकर प्रतियोगी हाइकोर्ट में पहुंचे।2013 का मामला किसी से छुपा नहींथा जब पूरे इलाहाबाद से लेकर दिल्ली तक गलत आरक्षण और भर्तियों को लेकर किस तरह रोष में था। अनिल यादव के समय में भर्तियों में सिर्फ वर्ग विशेष को नियुक्ति देना का ही आरोप नहीं लगा बल्कि प्रभावशाली लोगों के परिवार वालों के परीक्षा केंद्र तक बदलने के आरोप लगे। 2013की पीसीएस प्री परीक्षा में रामगोपाल यादव की बहू ऋचा अहलूवालिया का परीक्षा केंद्र बदले जाने के मामले ने भी आयोग को संदेह के घेरे में खड़ा किया। योगी सरकार से भी ये निवेदन है कि सिर्फ जाँच ही न कराये परीक्षा में निरन्तरता और शुचिता बनाये ,और सिर्फ प्रशासनिक सेवा में ही नहीं ,माध्यमिक और उच्च शिक्षा आयोग को भी निरन्तर करें।