2012 में सपा सरकार के गठन के बाद से ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सारी परीक्षाएं शक के घेरे में थी।अनिल यादव के आयोग में अध्यक्ष बनने के बाद पीसीएस परीक्षा में निरंतरता तो आई ,परन्तु आयोग विवादों में भी लगातार घिरा रहा । इसका कारण था कि इन पांच सालों में कुछ परिणाम चौंकाने वाले आये ,आयोग का अंतिम परिणाम आने के बाद एक ही बात की चर्चा रहती जिसका होना चाहिए उसका नही हुआ ,जिसका नही होना चाहिए उसका हुआ । मैंने भी बहुत से ऐसे लोगो को देखा, जिनमे हतप्रभ करने वाले कुछ परिणाम थे। मै 2014 से पीसीएस की परीक्षा दे रही हूँ ,पर मेरा भी कुछ नम्बर से नही हुआ,इसमें मेरी भी कही न कही से तैयारी की कमी थी ,लेकिन मेरे कुछ मित्र और जानने वाले लोग ,जिनको मैंने हाड़तोड़ मेहनत करते देखी थी और जो बेहद मेधावी थे जिनसे सबही उम्मीद भी रहती थी कि इन लोगों का जरूर होगा, लेकिन उनका भी न हुआ।