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UPPSC प्रकरण में एक और अभ्यर्थी का हुआ कलमबंद बयान, तीन आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए दिया प्रार्थना पत्र

प्रिंटिंग प्रेस के मालिक व तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पहले ही जेल की खा रहे हवा, एसआईटी ने सात अभ्यर्थियों को बनाया हुआ गवाह

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वाराणसी. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती घोटाले में बुधवार को एक और अभ्यर्थी ने एसीजेएम-द्वितीय के सामने कलमबंद बयान दर्ज कराया है। पर्चा लीक प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी ने सात अभ्यर्थियों को गवाह बनाया हुआ है। प्रदेश के चर्चित इस मामले में यूपीपीएससी की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार व प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमार पहले ही जेल की हवा खा रहे हैं जबकि पूर्व चेयरमैन डा.अनिरुद्व यादव से भी इस मामले में पूछताछ हो चुकी है।
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सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद से एसआईटी ने एलटी ग्रेड प्रश्र पत्र लीक प्रकरण की जांच तेज कर दी है। कोलकाता की खुफिया विभाग ने वर्ष 2018 के एलटी ग्रेड परीक्षा के प्रश्र पत्र लीक होने की जानकारी एसटीफ को दी थी। इसके बाद एसटीएफ ने 27 मई को चोलापुर से प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक को गिरफ्तार किया था उससे पूछताछ के आधार पर क्राइम ब्रांच ने परीक्षा नियंत्रत अंजू लता कटियार को जेल भेजा था। इसके बाद से अभ्यर्थियों को कलमबंद बयान भी दर्ज कराया जा रहा है, जिससे केस को मजबूती मिल सके।
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50 लोगों ने खरीदा था पेपर, 29 ने दी थी परीक्षा
पेपर लीक प्रकरण में जांच आगे बढऩे के साथ कई चीजों का खुलासा हुआ था। कुल 50 अभ्यर्थियों ने प्रश्र पत्र खरीदा था और 29 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। इस केस में मुख्य गवाह अशोक देव चौधरी है। विवेचक ने अभी तक पांच अभ्यर्थियों का बयान दर्ज कराया है। सात लोगों से पूछताछ हो चुकी है जबकि 22 लोगों को नोटिस भेजा गया है।
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