
Maa Ganga in Kashi will pollution free in 2021
वाराणसी. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के 2014 के संकल्प को साकार कर रही है। कुछ ही महीनों में काशी में गंगा के प्रदूषण से मुक्त होने की पूरी संभावना है। वर्षो से गंगा में सीधे गिरने वाले नाले अब जीवन दायनी गंगा में नहीं गिरेंगे। योगी सरकार के भगीरथ प्रयास से 23 नालों में से 22 नालों का पानी शोधित होने लगा है। कुछ ही महीनों में बचा हुआ एक नाला भी बंद हो जाएगा, जिसके बाद काशी में गंगा निर्मल और अविरल हो जाएगी। गंगा को अविरल व निर्मल करने की योगी सरकार की क़वायद अब रंग लाने लगी है।
दरअसल गंगा में सीधे गिरने वाले प्रदूषित पानी को शोधित करने के लिए रमना व रामनगर स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) ट्रायल के लिए लिए चल रहा है। अस्सी,सामने घाट,नक्खानाला व गंगा उस पार के 5 नालों के प्रदूषित जल को अब एसटीपी शोधित करने लगा है। रमना स्थित 50 एमएलडी (MILLION LITER A DAY) व रामनगर स्थित 10 एमएलडी का एसटीपी बन जाने से अब ये नाले टैप कर दिए गए हैं। रमना व रामनगर एसटीपी के शुरू होने से गंगा में गिरने वाला करीब 50 से 60 एमएलडी से अधिक दूषित जल अब शोधित होकर ही गंगा में प्रवाहित होंगे। गंगा उस पार रामनगर में भी छोटे व बड़े 5 नाले मिलकर गंगा को प्रदूषित कर रहे थे।
गंगा प्रदूषण के परियोजना प्रबंधक एस.के. बर्मन ने बताया कि अस्सी, सामने घाट, नक्खानाला नाला टैप हो गया है। नगवां पंपिंग स्टेशन से नाले का पानी रमना एसटीपी तक भेजा जा रहा है। गंगा उस पार रामनगर के पांचो नाले को वहीं लगे एसटीपी शोधित कर रहे है। दोनों एसटीपी में टेस्टिंग व स्टैब्लाइज़शन की प्रक्रिया चल रही है। रमना एसटीपी का जुलाई में ट्रायल ख़त्म। रामनगर एसटीपी का भी ट्रायल कुछ ही सफ्ताह में ख़त्म होने वाला है। जिसके बाद ये 8 नाले भी हमेशा के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
गंगा में सीधे गिरते थे 23 नाले
वाराणसी में कुल 23 नाले सीधे गंगा में गिरते थे। जिसमें से 19 नालों को पहले ही बंद किया जा चुका है। तीन नालों को और टैप करने के बाद महज़ एक खिड़कियां घाट का नाला शेष रह गया है। जो कोरोना काल के कारण रह गया है। कुछ महीनों में ये भी टैप कर हो जाएगा। वाराणसी से कुल 300 MLD (MILLION LITER A DAY ) सीवेज निकलता है ,जिसमे से 260 MLD शोधित होने लगा है। बचा हुआ 40 एमएलडी सीवेज़ ज़ल्द शोधित होने लगेगा, तब वाराणसी का करीब-करीब पूरा सीवेज का ट्रीटमेंट हो जाएगा।
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2014 में गंगा को लेकर पीएम ने दिखाई गंभीरता
वाराणसी में सीवेज़ के ट्रीटमेंट की योजना सन 2030 से लेकर 2035 तक के लिए बनाई गई है। 1986 में कांग्रेस की सरकार के समय गंगा एक्शन प्लान की शुरआत हुई थी ,जो सरकार की इच्छाशक्ति के कमी के कारण आगे चलकर धीरे-धीरे दम तोड़ती चली गई । 2014 में प्रधानमत्री मोदी ने जब गंगा को लेकर गंभीरता दिखाई। तो योगी सरकार के लगातार निरिक्षण व निर्देशन में माँ गंगा को काशी में संजीवनी मिलना शुरू हुआ है। इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भगीरथ साबित होती जा रही है।
Published on:
13 May 2021 09:51 pm
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