शिवपुर स्थित अन्नपूर्णा ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसान आंदोलन पर भी विपक्ष को घेरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि तीनों नए कानून जरूरी नहीं हैं। जो मानना चाहे माने और जो न चाहे वह न माने। कहा कि इसके बावजूद भी जो न माने तो उसके लिये क्या किया जाए। विप्र धर्म संसद को संबांधित करते हुए कहा कि देश के हर धर्म, जाति को देश का अभिमान होना चाहिये। हमारे संगठित रहने से ही देश मजबूत होगा और विकास के पथ पर अग्रसर रहेगा। कहा कि भगवान परशुराम को याद करके सभी को समाज के साथ खड़ा होना चाहिये। समाज को एक शक्ति प्रदान करनी चाहिये।