
निकाय चुनाव प्रतीकात्मक चित्र
डॉ. अजय कृष्ण चतुर्वेदी
वाराणसी. भारतीय जनता पार्टी के लिए इस बार मेयर पद पर कब्जा कायम रखना आसान नहीं होगा। जिस भी गणित से सरकार ने वाराणसी की मेयर को ओबीसी महिला के लिए आरक्षित किया है, वह उनके लिए गले की हड्डी बन सकते है। यह सही है कि अभी तक किसी भी दल में मेयर प्रत्याशी के नाम पर सहमति नहीं बनी है। लेकिन जो नाम फ़िजाओं में तैर रहे हैं उन पर नजर डाली जाए तो बीजेपी की मेयर की कुर्सी तक पहुंचने की डगर आसान नहीं है। वैसे भी वाराणसी नगर निगम के जातीय आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इसमें सपा का पलड़ा कहीं ज्यादा भारी नजर आता है। बीजेपी को 1995 के मेयर चुनाव की गणित को भी ध्यान में रखना होगा जब पार्टी प्रत्यासी प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सिंह की पत्नी सरोज सिंह की जीत के लिए पार्टी को काफी पसीना बहाना पड़ा था, तब प्रदेश में बीजेपी की ही सरकार थी। बावजूद इसके सरोज सिंह महज 25 हजार वोट से जीत हासिल कर पाई थीं, तब सपा की विमला ग्वाल ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। उस वक्त ओम प्रकाश सिंह प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम था। आज की बात करें तो बीजेपी में जिस एक नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है वह महज पूर्व पार्षद हैं। कोई बहुत जाना पहचाना नाम भी नहीं है। ऐसे में इस चुनाव की नैया पार लगाने और वाराणसी के सांसद व प्रधानमंत्री की शाख बचाने के लिए पार्टी को काफी पसीना बहाना पड़ेगा। अगर यह कहा जाय कि एक बार फिर से पीएम ही ब्रह्मास्त्र साबित होंगे तो गलत न होगा।
बता दें कि 1995 में पहली बार मेयर का डायरेक्ट चुनाव हुआ तब से 2000, 2005 व 2012 में बीजेपी ही मेयर पद पर कब्जा करती आई है। पहली मेयर बनीं सरोज सिंह तो दूसरे मेयर थे प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री रह चुके अमर नाथ यादव, तीसरे कौशलेंद्र सिंह। ये तीनों ही पिछड़ी जाति से आते थे। 2012 में मेयर सीट सामान्य हुई तो राम गोपाल मोहले विजयी हुए। मेयर सीट पर लगातार चौथी बार कब्जा जमाने वाले भाजपा के राम गोपाल मोहले ने 1,32,800 वोट हासिल करते हुए कांग्रेस के डॉ. अशोक कुमार सिंह (70,683 वोट) हराया था। पार्टी सूत्र बताते हैं कि अबकी बार पूर्व पार्षद निर्मला सिंह पटेल का नाम शीर्ष पर चल रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी से महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल की पत्नी सत्या जायसवाल शीर्ष पर हैं। कांग्रेस में अभी जिताऊ उम्मीदवार की तलाश है। वैसे कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रहे चंद्रशेखर चौरसिया, राज्य सभा के उप सभापति रहे श्याम लाल यादव के परिवार की ओर आंख गड़ाए है। वैसे बच्चू गुप्ता परिवार पर भी कांग्रेस की नजर है। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस बार बीजेपी और सपा में कड़ी टक्कर हो सकती है।
अगर जातीय आंकड़ों की बात करें तो नगर निगम वाराणसी क्षेत्र में करीब ढाई लाख जायसवाल वैश्य समाज के मतदाता हैं तो सवा दो लाख के करीब मुस्लिम हैं। निगम 90 में से 12 वार्ड यादव बहुल हैं। तकरीबन 80 हजार यादव मतदाता हैं। ब्राह्मण, भूमिहार, कायस्थ, वैश्य को मिला लें तो करीब पांच लाख मतदाता हैं। उधर पटेल मतदाताओं की तादाद शहर में बमुश्किल 35-40 हजार है। ऐसे में समाजवादी पार्टी अगर पूरे दमखम से चुनाव मैदान में उतरती है तो वह कड़ी टक्कर देने में कामयाब हो सकती है। 1995 की कहानी दोहराई जा सकती है और उससे सबक लेते हुए थोड़ा और जोर लगा पाए तो इस बार बड़ा फेरबदल करने में कामयाब हो सकती है पार्टी।
अब अगर चर्चा करें 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सांसद प्रत्याशी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तो उन्हें कैंन्टोन्मेंट विधानसभा क्षेत्र से 1,37,557 मत मिले थे। हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र में दो गांव भगवानपुर और भिखारीपुर भी आते हैं। वहां के मतदाताओं को निकाला जा सकता है। लेकिन शहर दक्षिणी से नरेंद्र मोदी को 98,058 और शहर उत्तरी से 1,19,852 मत मिले थे। इस तरह उन्होंने मतों का कीर्तिमान स्थापित किया था। अब भाजपा को एक बार फिर से उन मतों को सहेजने की बड़ी चुनौती भी होगी। हालांकि 2012 के मेयर चुनाव में बीजेपी के रामगोपाल मोहले को राम गोपाल मोहले 1,32,800 मत हासिल हुए थे।
ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार का मेयर पद का चुनाव बीजेपी के लिए बहुत आसान नहीं होगा। वे कहते हैं कि मेयर पद को महिला ओबीसी के लिए आरक्षित करना बीजेपी के लिए आत्मघाती भी साबित हो सकता है। यह शहर का चुनाव है न कि ग्राम पंचायत का। इस आरक्षण से बीजेपी के अंदर ही ज्यादा विरोध है। ये विरोध पार्टी के जनप्रतिनिधियों के प्रति ज्यादा है। आम कार्यकर्ताओं का कहना है कि सवर्ण जनप्रतिनिधियों ने ही दबाव बना कर मेयर सीट महिला ओबीसी करवा दी ताकि उनकी साख कायम रहे। उधर समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव में मिली पराजय का हिसाब बराबर करने के लिए उतावली है। पार्टी कार्यकर्ताओ और नेता दोनों ही इस चुनाव को प्रतिष्ठापरक बना कर मैदान में उतर रहे हैं। इसके लिए ने जोरदार रणनीति तैयार करने में जुटे हैं जो तकरीबन पूरी हो चुकी है। राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि विधानसभा 2017 का चुनाव परिणाम भले ही कांग्रेस सपा गठबंधन के लिए अच्छा न रहा हो लेकिन इस बार दोनों पार्टियां मिल जाएं तो तस्वीर बदलनी तय है।
2012 का नगर निगम वाराणसी चुनाव परिणाम
राम गोपाल मोहले (भाजपा) 132800 वोटों के साथ विजयी डॉ. अशोक कुमार सिंह (कांग्रेस) 70683 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर
वॉर्ड जीते (वोट, पार्टी) हारे (वोट, पार्टी)
1-इंद्रपुर प्रीति सिंह (1942, अद) मीना कुमारी (915, निर्दल)
2-विनायका रमावती देवी (13306, निर्दल) रंजीता गोस्वामी ( 847, बीजेपी)
3-तरना उर्मिला देवी (1534, कांग्रेस) मंजू देवी (1420, बीजेपी)
4-राजघाट दिनेश पाल (735, निर्दल)
सुरेश सिंह यादव (553, कांग्रेस)
5-नारायनपुर शिवशंकर (913, बीजेपी)
अमित ठाकुर (824, निर्दल)
6-सरसौली राजेन्द्र पटेल (1051, बीजेपी) जिउत लाल (763, अद)
7-हुकुलगंज विजयलक्ष्मी जैसल (1378, निर्दल) सुषमा देवी (1227, निर्दल )
8-नगवा गीता देवी (653, निर्दल) गीता (610, बीजेपी)
9-लहरतारा अजय (1718, निर्दल) सुनील सोनकर (1638, निर्दल)
10-सुंदरपुर जियालाल सोनकर (779, कांग्रेस) पप्पू लाल (705, निर्दल)
11-चौकाघाट शिवकुमार सोनकर (2058, निर्दल) गुलाब सोनकर (707, बीजेपी)
12-तुलसीपुर अशोक कुमार (1225, बीजेपी) गुल्लू सोनकर (1144, कांग्रेस)
13-सरायसुर्जन लक्ष्मी यादव (3705, निर्दल) मीना पटेल (1972, बीजेपी)
14-नवाबगंज अनिल कुमार शर्मा (1720, निर्दल) राजेश कुमार (981, निर्दल)
15-नदेसर पूनम विश्वकर्मा (1116, निर्दल) अंजू गुप्ता (893, बीजेपी)
16-दीनदयालपुर आशा देवी (1722, बीजेपी) जोखना देवी (1435, निर्दल)
17-शिवपुरवा रामशरण बिंद (2146, निर्दल) पशुपति नाथ सिंह (1460, बीजेपी)
18-खजुरी आनंद कुमार (1036, कांग्रेस) लल्लू यादव (795, निर्दल)
19-शिवपुर राजनाथ यादव (1123, निर्दल) पृथ्वीनाथ (900, निर्दल)
20-सिकरौल रीता यादव (1110, बीजेपी) मीना सिंह (1107, निर्दल)
21-हबीबपुरा बेबी (904, कांग्रेस) सुषमा (895, बीजेपी)
22-राजाबाजार विजय जायसवाल (1482, निर्दल) मो. आलमगीर (1194, कांग्रेस)
23-अलईपुरा रजिया बेगम (1583, कांग्रेस) फरजाना (1052, निर्दल)
24-जगतगंज बीना सिंह (2065, निर्दल) उमा देवी (1084, निर्दल)
25-जोल्हा रेहाना (1336, कांग्रेस) नसीमा (1033, निर्दल)
26-रमरेपुर नेहा जायसवाल (1690, बीजेपी) इंदु (1381, निर्दल)
27-मवईया दुर्गादेवी (4313, निर्दल) अन्नू देवी (972, बीजेपी)
28-नेवादा गरिमा सिंह (2364, निर्दल) अर्चना (1369, अद)
29-नईबस्ती बालमती (2184, बीजेपी) उषा (1127, निर्दल)
30-सारनाथ अजय जैन (1071, निर्दल) सुरेन्द्र (975, बीजेपी)
31-लोको छित्तूपुर डॉ. शांति सिंह (3870, निर्दल) दुर्गा शंकर (1638, बीजेपी)
32-नरिया रानी (2343, निर्दल) उषा देवी (1237, निर्दल)
33-पाण्डेयपुर विजयलक्ष्मी (2672, बीजेपी) मोहिनी गुप्ता (1276, निर्दल)
34-कोनियागांव रानी देवी (3004, बीजेपी)
सुनीता (1577, निर्दल)
35-काजीपुरा पूर्णमासी (1860, बीजेपी) कमलेश (732, निर्दल)
36-पहडिय़ा सत्यप्रकाश (1484, बीजेपी) जियालाल (1286, निर्दल)
37-लल्लापुरा खुर्द प्रिंस राय (2495, निर्दल) महेंद्र सिंह गौतम (1489, बीजेपी)
38-बजरडीहा प्रियंका (1152, बीजेपी) कमला (567, निर्दल)
39-शिवाला राजेश (1135, बीजेपी) जयप्रकाश (1110, निर्दल)
40-सिगरा शंकर विश्नानी (1740, निर्दल) मनीष यादव (1369, निर्दल)
41-कामेश्वर महादेव दिनेश कुमार (1430, निर्दल) अरुणा कक्क्रड़ (1304, बीजेपी)
42-कतुआपुरा विजय यादव (निर्दल) संतोष (972, निर्दल)
43-खोजवां अशोक सेठ (2072, निर्दल) राजेश चौहान (797, निर्दल)
44-भेलूपुरा अशोक मिश्र (1237, बीजेपी) बलवंत सिंह (1195, निर्दल)
45-चेतगंज शंकर जायसवाल (1536, बीजेपी)
मनीष मिश्रा (720, निर्दल)
46-कमलगढ़हा गुलशन (1133, कांग्र्रेस) सिराजुद्दीन (1095, निर्दल)
47-ओंकालेश्वर सोनी गुप्ता (1098, निर्दल) मंजू देवी (665, बीजेपी)
48-मध्यमेश्वर भैयालाल यादव (1697, निर्दल) राजन (750, बीजेपी)
49-जंगमबाड़ी विजयकृष्ण गुप्ता (923, निर्दल) अखिलेश यादव (672, निर्दल)
50-सरैया फातिमा (2074, निर्दल) बिल्किस बेगम (544, कांग्रेस)
51-दारानगर किशोर (613, बीजेपी) ओमप्रकाश यादव (535, निर्दल)
52-पियरी कलां गोपाल सिंह (1170, बीजेपी) अवनीश यादव (1110, निर्दल)
53-बिरदोपुर विनोद प्रसाद (1358, बीजेपी) शरद पाण्डेय (1324, कांग्रेस)
54-भदैनी गोविंद शर्मा (1833, कांग्रेस) दीपक मिश्रा (1203, बीजेपी)
55-ईश्वरगंगी दीनानाथ गुप्ता (1193, निर्दल)
अनिल कुमार (1098, बीजेपी)
56-जलालीपुरा आयशा (1782, निर्दल) शबाना बेगम (1493, कांग्रेस)
57-डिठोरी महाल कांता श्रीवस्तव (1044, बीजेपी) मालती (955, कांग्रेस)
58-नवापुरा शबीना बानो (1678, कांग्रेस) आशा (1060, बीजेपी)
59-लहंगपुरा उर्मिला (1534, कांग्रेस)
मंजू देवी (1420, बीजेपी)
60-लक्सा ओमप्रकाश (1581, बीजेपी) पवन मौर्या (990, कांग्रेस)
61-पानदरीबा रविकांत विश्वकर्मा (1166, निर्दल) गुडिय़ा यादव (946, निर्दल)
62-राजमंदिर अजीत सिंह (2050, निर्दल) नरेन्द्र पाण्डेय (1242, निर्दल)
63-गढ़वासी टोला दिलीप यादव (1408, कांग्रेस) संतोष (1065, बीजेपी)
64-रामापुरा शिव सेठ (983, निर्दल)
राजकुमार यादव (964, निर्दल)
65-बागाहाड़ा राजेश (1305, बीजेपी) गोपाल (810, निर्दल)
66-प्रहलादघाट दिवाकर मिश्रा (867, कांग्रेस) दीपक गुप्ता (844, बीजेपी)
67-गोलादीनानाथ सीताराम केशरी (2489, कांग्रेस) दिनेश (1445, बीजेपी)
68-बेनिया अरशद खान (1521, निर्दल) मो. सलीम (1414, कांग्रेस)
69-सराय गोवर्धन संजय कुमार (2194, कांग्रेस) संदीप मिश्र (760, निर्दल)
70-पाण्डेहवेली शम्शुदोहा (1225, निर्दल) रामबाबू यादव (663, निर्दल)
71-पठानीटोला मुमताज खां (1799, निर्दल) कुर्बान अली (607, कांग्रेस)
72-रेवड़ी तालाब आशिक जमाल (1558, निर्दल) वहीद अंसारी (861, निर्दल)
73-लल्लापुरा कला मकबूल अहमद (1165, निर्दल) संजय (756, बीजेपी)
74-दशाश्वमेध नरसिंह दास (1550, बीजेपी) प्रीति पुरोहित (804, निर्दल)
75-धूपचण्डी प्रमोद राय (1161, निर्दल) विकास चौधरी (881, बीजेपी)
76-बलुआबीर निगार (2016, निर्दल) नायरा (1065, निर्दल)
77-रानीपुर अजय (1833, बीजेपी) रविशंकर यादव (1416, निर्दल)
78-बंगाली टोला मीनू दास (1666, बीजेपी) रूपाली यादव (1244, निर्दल)
79-हड़हा किरण (1118, निर्दल) दिनेश (507, निर्दल)
80-कटेहर नसरीन बानो (2188, कांग्रेस) अख्तर जहां (742, निर्दल)
81-जमालुद्दीनपुरा कायनात परवीन (1492, निर्दल)
वाफिया (1224, कांग्रेस)
82-बंधुकच्चीबाग संजय (902, बीजेपी) अनीसुद्दीन (863, निर्दल)
83-कालभैरव बृज किशोर दास (बीजेपी)
84-कमालपुरा असलम जावेद (1544, निर्दल) अब्दुल अंसारी (538, कांग्रेस)
85-बसनिया शमीम (798, निर्दल) मुख्तार अहमद (699, निर्दल)
86-काजीसादुल्लापुरा रमजान अली (1723, कांग्रेस) फरीदुल हक (1277, निर्दल)
87-आगागंज शमीम अम्बर (741, निर्दल) एखलाख अहमद (562, कांग्रेस)
88-रसूलपुरा अनीसुररहमान (1211, कांग्रेस) सुलेमान (1043, निर्दल)
89-छित्तनपुरा साजिद (1453, कांग्रेस) जैनुल बशर (773, निर्दल)
90-मदनपुरा अरशद (1199, कांग्रेस) नसीर जमाल (973, निर्दल)
Published on:
16 Oct 2017 02:43 pm
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