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OTT प्लेटफार्म पर नाना पाटेकर का बड़ा बयान, कहा-थियेटर और ओटीटी के ऑडियंस अलग

फिल्म प्रहार से अपना सफर शुरू करने वाले बॉलीवुड के धमाकेदार एक्टर नाना पाटेकर इन दिनों वाराणसी में हैं। यहां वो गदर-2 फेम डायरेक्टर अनिल शर्मा की फिल्म जर्नी की शूटिंग वाराणसी के घाटों और अन्य लोकेशन पर कर रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने ओटीटी प्लेटफार्म और थियेटर को लेकर वाराणसी में बड़ा बयान दिया।

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Varanasi Nana Patekar said a big thing on OTT platform

वाराणसी नाना पाटेकर ने OTT प्लेटफॉर्म पर कही बड़ी बात

वाराणसी। सिनेमा घरों की जगह घर बैठकर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर फिल्में देखना पसंद कर रहे हैं। कोरोना काल के बाद थियेटर की तरफ लोगों का रुझान कम हुआ है लेकिन अपने जमाने के धमकदार हीरो और अपनी डायलॉग डिलेवरी के लिए जाने-जाने वाली नाना पाटेकर इस बात को नहीं मानते। उन्होंने कहा कि 'यदि फिल्म की कहानी और फिल्म अच्छी होगी तो लोग खुद-ब-खुद थियेटर तक खींचे चले आएंगे। इसका हाल का उदहारण गदर-2 है। अगर लोग थियेटर में सिनेमा देखना नहीं पसंद करते तो गदर-2 600 करोड़ से ज्यादा का धंधा नहीं करती।

ओटीटी और थियेटर के ऑडियंस अलग

नाना पाटेकर ने इस दौरान कहा कि 'थियेटर में सिनेमा देखने वाला और ओटीटी पर सिनेमा देखने वाला ऑडियंस एकदम अलग है। ऐसा नहीं है कि ओटीटी वाला थियेटर में नहीं जाता और थियेटर वाला ओटीटी पर फिल्म नहीं देखता पर दोनों के चयन और टेस्ट में अंतर है। नाना पाटेकर ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स अपनी जगह है और जो लोग सोफे पर बैठकर यह बेड पर लेटकर मूवी देखना चाहते हैं उनके लिए है वो पर थियेटर में फिल्म देखने का अपना अलग मजा यही।

सख्त हुआ है सेंसर बोर्ड

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सेंसर्ड चीजों का खुलकर इस्तेमाल होने के प्रश्न पर नाना पाटेकर ने कहा कि 'अभी सेंसर बोर्ड सख्त हो गया है। शुरआत के दिनों में गालियां और कई सारी चीजों की भरमार थी पर अब ऐसा नहीं देखने को मिलेगा आप को। वहीं उन्होंने फिल्मों को लेकर कहा कि फिल्मों में पटकथा के आधार पर कई बार मैंने भी एक गाली दी पर वो भी सेंसर हो जाती है और बीप का इस्तेमाल होता है कई प्लेटफॉर्म्स पर तो गाली नहीं देना चाहिए।

सनातन का अपमान नहीं होना चाहिए

साधू-संतों का आरोप कि लगातार फिल्मों में सनातन धर्म का अपमान किया गया। चाहे मोहल्ला अस्सी हो या पीके या ओ माई गॉड तो ऐसे में क्या होना चाहिए इसपर उन्होंने कहा कि यदि यह हो रहा है तो यह गलत हो रहा है। फिल्मों में इसकी कोी जगह नहीं है क्योंकि यह फिल्म लोगों के दिमाग में एक असर छोड़कर जाती है जो वर्षों तक बनी रहती है।