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National Dengue Day 2022 Special: लार्वा पनपने के स्रोत खत्म करने से ही दूर होगा डेंगू

National Dengue Day 2022 Special: हालांकि अभी तक वाराणसी में डेंगू और चिकनगुनिया के एक भी केस सामने नहीं आए हैं। लेकिन एहतियातन इससे बचाव के उपाय जरूरी है। इस कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण है जन जागरूकता और लार्वा पनपने के स्रोत खत्म करना। यही वजह है कि इस बार स्वास्थ्य विभाग ने स्लोगन दिया है, स्लोगन “हर रविवार -मच्छर पर वार, लार्वीसाइड पर प्रहार” जन-जन तक पहुंचाएं।

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डेंगू का मच्छर

डेंगू का मच्छर

वाराणसी. National Dengue Day 2022 Special: डेंगू पर रोकथाम और नियंत्रण के लिए समुदाय को यह बताने की जरूरत है कि मच्छर को पनपने से रोक कर ही इस बीमारी से खुद के साथ घर-परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। डेंगू के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जन जागरूकता लाने के लिए ही स्वास्थ्य विभागहर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाताहै। इस वर्ष इस दिवस की थीम ‘डेंगू इज़ प्रिवेंटेबल, लेट्स ज्वाइन हैंड्स’ अर्थात ‘डेंगू से बचा जा सकता है, आओ हाथ मिलाएं’ तय की गई है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी।

सामुदायिक सहभागिता से डेंगू से बचाव

सीएमओ ने कहा कि तापमान, वर्षा और इस प्रकार की जलवायु परिस्थितियों के आधार पर वेक्टर बार्न डिजीज में वृद्धि की प्रवृत्ति होती है, जो मच्छरों के प्रजनन के लिये अनकूल होते हैं और इससे फैलने की तीव्रता और डेंगू व चिकनगुनिया के मामलों की संख्या में वृद्धि होती है। हमारा प्रयास इस संचरण चक्र को तोड़ने का होना चाहिये और यह केवल अन्य क्षेत्रों के साथ सहयोग बढ़ाने और मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के हमारे प्रयासों में महत्वपूर्ण सामुदायिक सहभागिता के साथ हो सकता है। इस साल की थीम का उद्देश्य है कि डेंगू की रोकथाम, नियंत्रण व जागरूकता के लिए अन्य विभागों एवं जनसामान्य से अपेक्षित सहयोग प्राप्त करना। उन्होने बताया कि पहले से ही डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए नगरीय एवं ग्रामीण स्तर पर नियमित लार्वीसाइड छिड़काव और एक हफ्ते से भी अधिक समय से भरे पानी के पात्रों को खाली (स्रोत विनष्टिकरण) किया जा रहा है।

अब हर रविवार मच्छर पर वार, लार्वीसाइड पर प्रहार

सीएमओ ने बताया कि डेंगू से रोकथाम व बचाव के लिए वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार के लिए आशा-एएनएम क्षेत्र भ्रमण के दौरान घर-घर जाकर “हर रविवार मच्छर पर वार, लार्वीसाइड पर प्रहार” स्लोगन के जरिये जनमानस को जागरूक करें। सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की है कि “जानकारी व जागरूकता ही डेंगू से बचाव है” के सूत्र वाक्य को मानते हुये “क्या करें, क्या न करें” के सापेक्ष विभिन्न स्तरों पर प्रभावी कार्यवाही और क्रियान्वयन पर विशेष बल दें।

दिन में काटता है एडीज इजिप्टी मच्छर

जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरद चंद पांडेय ने बताया कि इस दिवस पर डेंगू से रोकथाम व बचाव के लिए सभी पीएचसी-सीएचसी पर जनजागरूकता रैली एवं गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में जागरूकता व स्रोत विनष्टिकरण का कार्य करेंगी। उन्होने बताया कि एडीज इजिप्टी मच्छर दिन के समय काटता है। व्यक्ति में संक्रामक मच्छरकाटने के बाद 3 से 14 दिनों के भीतर लक्षण विकसित होते है। रोगी जो कि पहले से ही डेंगू वायरस से संक्रमित हैं, लक्षणों की शुरुआत के चार से पांच दिनों के दौरान एडीज मच्छरों के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण प्रभावी वेक्टर नियंत्रण उपायों पर निर्भर करता है। उन्होने बताया किडेंगू बुखार एक गंभीर, फ्लू जैसी बीमारी है जो शिशुओं, छोटे बच्चों और वयस्कों को प्रभावित करती है।डेंगू के लिए अभी तक कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवाएं नहीं हैं। रोगी के लिएअधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों पीना और पर्याप्त आराम करना महत्वपूर्ण है।

ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत लें डॉक्टर की सलाह

डीएमओ ने बताया कि तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, मतली, उल्टी, सूजी हुई ग्रंथियां या दाने। यहलक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं। संक्रमित मच्छर के काटने के 4 से 10 दिनों बाद गंभीर डेंगू एक संभावित घातक जटिलता है जो प्लाज्मा के रिसाव, पानी की कमी, श्वसन संकट, गंभीर रक्तस्राव, या अंग हानि के कारण होता है। इसके अलावा गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी, तेजी से सांस लेना, मसूड़ों से खून आना, थकान, बेचैनी और खून उलटी करना। यदि रोगी का समय से इलाज न किया गया तो अवस्था और भी घातक हो सकती है।

रोकथाम और नियंत्रण

-साप्ताहिक आधार पर घरेलू जल भंडारण कंटेनरों को ढंकना, खाली करना और साफ करना।
-घर की छत पर रखे गमलों या किसी अन्य बर्तनों, नारियल के खोल, टायरों में पानी जमा न होने देना।
-पानी के भंडारण कंटेनरों को ढक्कन के साथ कवर किया जाना।
-बरसात के मौसम के दौरान, सभी व्यक्ति ऐसे कपड़े पहन सकते हैं जो हाथ और पैर को कवर करते हों।
-सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
-मच्छरों के काटने से बचाव के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय जैसे कीटनाशक से उपचारित बेडनेट, कॉइल और वेपोराइज़र का उपयोग किया जा सकता है।
-मच्छरों के काटने से रोकने के लिए दिन के समय में मच्छर दूर भगाने के लिए क्रीम का उपयोग किया जा सकता है।
-निरंतर वेक्टर नियंत्रण के लिए सामुदायिक भागीदारी और गतिशीलता में सुधार लाना।

एक नजर जिले के आंकड़ों पर

-वर्ष 2017 में –606
-वर्ष 2018 में –327
-वर्ष 2019 में –550
•-वर्ष 2020 में - 4
-वर्ष 2021 में –286
-वर्ष 2022 में अब तक – शून्य