
नीलू मिश्रा
वाराणसी. बनारस की हरफनमौला एथलीट नीलू मिश्रा ने इंफाल में चल रही 41वीं नेशनल मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को एक और सोने का तमगा हासिल किया। नीलू ने 45 वर्ष आयु वर्ग में ऊंची कूद में यह स्वर्णिम सफलता हासिल की। दूसरा स्थान पश्चिम बंगाल तथा तीसरा स्थान मणिपुर को मिला। इसके बाद नीलू मिश्रा 80 मीटर बाधा दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेंगी।
बता दें कि इससे पहले वाराणसी की इस अंतर्राष्ट्रीय एथलीट नीलू ने इंफाल में चल रही 41वीं नेशनल मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए सोमवार को स्वर्ण पदक झटकर सभी को गर्वान्वित कर दिया था। उम्र के 45वें पड़ाव में भी खुद को चुस्त-दुरुस्त रखकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए जज्बे का होना जरुरी है। नीलू ने 100मी. दौड़ में पहला स्थान प्राप्त किया। यह दूरी पूरी करने में उन्होंने 14.6 सेकेंड का समय लिया। फर्राटा दौड़ में स्वर्णिम सफलता हासिल करने के बाद नीलू मिश्रा ने गुरुवार को दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया। नीलू का यह राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 76वां पदक रहा।
कौन हैं नीलू मिश्रा
बस्ती में जन्मी, पली और बढ़ी अंतर्राष्ट्रीय मास्टर एथलीट नीलू (46) की जीवन कई उतार-चढ़ाव से गुजरा है। बस्ती जिले से स्नातक तक की पढ़ाई की। स्कूल व विश्वविद्यालय स्तर पर एथलेटिक जगत में अपना लोहा मनवाने के बाद उनकी शादी 1995 में मर्चेन्ट नेवी में चीफ इंजीनियर वाराणसी के आनंद दूबे के साथ हुई। मर्चेंट नेवी में होने से आनंद भी परिवार को अधिक समय नहीं दे पाते थे। नीलू ने इसी साल बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर की परीक्षा पास कर ली। पहली तैनाती फैजाबाद में और फिर तबादला वाराणसी हो गया। 1997 में बेटे को जन्म देने दिया और 2002 में किडनी और हर्ट की बीमारी की वजह से छह साल तक दवा चली।
नीलू वाराणसी में स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ, बालिका पढ़ाओ, मतदाता जागरूकता व पोषणा अभियान की ब्रांड एम्बेसडर हैं। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका मां किशोरी मिश्रा और अधिवक्ता सुदामा मिश्रा की बेटी नीलू अब पूरे देश की बेटियों व बहुओं के लिए मिसाल बन चुकी हैं।
Published on:
13 Feb 2020 07:36 pm
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