आईएलओ का आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए बताया कि आज भी दुनिया में 16.8 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी के लिए अभिशप्त हैं। इसके अलावा 20 करोड़ बच्चे स्कूल से बाहर हैं, 60 लाख बच्चों ने स्कूल का मुंह नहीं देखा। अन्य ऐसे बच्चों की तादाद भी कम नहीं जो बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। दुनिया भर में अभी भी 21 करोड़ युवा, वयस्क बेरोजगार हैं। ब्राजील, नाईजीरिया,मेक्सिको, फिलिपीन्स के अध्ययन से पता चलता है कि ये बाल मजदूर उन माता पिता की संतान हैं जिन्हें 100 या 100 से अधिक दिनों में रोजगार नहीं मिल पाता। बताया कि कुछ अध्ययन से पता चलता है कि बेरोजगारी और बाल श्रम के आंकड़े एक ही साथ बढ़े हैं। सत्यार्थी ने कहा कि योग्य वयस्क अगर बेरोजगार रहेंगे और उनकी जगह सस्ते श्रमिकों के लालच में बच्चों से मजदूरी कराई जाती रहेगी तो आर्थिक विकास में बाधा का एक मुख्य कारण बाल मजदूरी होगी।