
एनएसयूआई नेता
वाराणसी. महात्म गांधी काशी विद्यापीट छात्रसंघ चुनाव स्थगित होने के बाद से वाराणसी में सरगर्मी बढ़ गई है। छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने मंगलवार की सुबह प्रेस वार्ता कर, छात्रसंघ चुनाव स्थगन को राजनीति प्रेरित करार दिया। आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के इशारे पर प्रशासन ने चुनाव स्थगित कराया है।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव एवं यूपी प्रभारी अविनाश यादव ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा छात्रों का संगठन बताने वाली एबीवीपी को इस बार छात्रसंघ चुनाव में कोई प्रत्याशी नही मिला। इसी कारण योगी सरकार ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बना के चुनाव टलवा दिया है। कहा कि एनएसयूआई इसका खुला विरोध करती हैं। हम मांग करते हैं कि जल्द से जल्द चुनाव की तिथि घोषित की जाए। अगर चुनाव की तिथि दोबारा घोषित नहीं की जाती हैं तो एनएसयूआई बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
बताया कि एनएसयूआई लगातार दो साल से छात्रसंघ चुनाव में विजय प्राप्त कर रही हैं और वर्तमान समय के युवा हमारी नेता प्रियंका गांधी में अपना विश्वास दिखा रहे हैं। वहीं एबीवीपी लगातार विश्वविद्यालय में चुनाव हार रही हैं। इस वर्ष के चुनाव में प्रत्याशी ना मिलने पर उनके संगठन के लोगों ने छात्रसंघ चुनाव को रद्द करने पर तुले हैं। पर हम सभी एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ऐसा नही होने देंगे।
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष ऋषभ पांडेय ने कहा की छात्रसंघ चुनाव हम युवाओं के लिए छात्र राजनीति की नींव हैं। अगर छात्रसंघ चुनाव नही होता हैं तो हम सब बड़ा आंदोलन करेंगे। जेल भी जाना पड़ा या लाठी भी खानी हुईं तो हम सब इसके लिए भी तैयार हैं।
एनएसयूआई के महानगर अध्यक्ष संदीप पॉल, प्रदेश महासचिव प्रफुल्ल पांडेय, एनएसयूआई के अधिकृत प्रत्याशी नीरज पांडेय, दीपक कुमार, प्रभु पटेल, संजय यादव, एनएसयूआई के कार्यकर्ता मानस सिंह, रविकांत शर्मा, मंजीत यादव ने कहा कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्र संघ चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दाव पर लगीं हैं। वहीं एबीवीपी का हाल ये है कि उसे इस चुनाव के लिए प्रत्याशी ही नहीं मिले। ऐसे में विश्वविधालय प्रशासन ने चुनाव ही टाल दिया।
बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने 17 दिसंबर को छात्रसंघ चुनाव के लिए नामांकन की तिथि और 24 दिसंबर को चुनाव की तिथि घोषित की थी। पर सोमवार शाम अचानक से पुलिस प्रशासन से सूचना मिलती हैं कि प्रधानमंत्री के वाराणसी आगमन के कारन चुनाव को टाल दिया गया हैं। लेकिन असल कारण यह नहीं हैं असली कारण हैं कि एबीवीपी को प्रत्याशी ही नही मिला था और कही ना कही विश्वविद्यालय में एबीवीपी कमजोर हो रहीं हैं। इसी के चलते चुनाव टाला गया, अन्यथा प्रशासन को तो पहले से पता था कि प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को आने वाले हैं। ऐसे में जिला व पुलिस प्रशासन पहले ही चुनाव की अनुमति नहीं देता।
Published on:
21 Dec 2021 01:41 pm
बड़ी खबरें
View Allवाराणसी
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
