
विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र
वाराणसी. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन इन दिनों विश्वनाथ मंदिर विस्तार और सौंदर्यीकरण योजना पर तेजी से काम कर रहा है। इसके तहत प्राचीन मंदिर व भवनों को खरीद कर उन्हें गिराया जा रहा है। इसी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत विश्वनाथ कॉरिडोर, गंगा पाथ वे जैसी योजना को भी मूर्त रूप दिया जाना है। प्रदेश के प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन, पूर्व कमिश्नर वाराणसी नितिन रमेश गोकर्ण ने अस्सी से राजघाट तक के इलाके को हेरिटेज जोन के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है। इसके तहत लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्र को जोन-1 के रूप में चिह्नित करते हुए दो महीने भर में सर्वे करा कर इस जोन-1 को माडल के रूप में बेहतर सीवर सिस्टम, पेयजल, विद्युत आदि समस्त बुनियादी अवस्थापना सुविधा से लैस किया जायेगा। मास्टर प्लान के अनुसार भविष्य की जरूरत के मुताबिक सड़क बनाई जाएगी। लेकिन क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि जब गुजरात सरकार और वेरावल-पत्तन नगर पालिका सोमनाथ मंदिर के तीन किलो मीटर के दायरे में मांस की बिक्री प्रतिबंधित कर सकती है तो काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र मे ऐसा क्यों नहीं हो सकता जबकि इसके लिए पहले से ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में नागरिकों द्वारा पीआईएल दाखिल किया जा चुका है। मौजूदा नियमों के तहत एक किलोमीटर की परिधि में मांस व शराब की बिक्री प्रतिबंधित है लेकिन उसका भी पालन नहीं हो रहा। इस बाबत वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव और विश्वनाथ मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष विशाल सिंह ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि मंदिर के आस-पास के इलाके में मास या मदिरा की बिक्री प्रतिबंधित करने का कोई प्लान नहीं न स्थानीय स्तर पर है न ही राज्य सरकार के स्तर पर। उधर धरोहर बचाओ समिति के अध्यक्ष राजनाथ तिवारी ने कहा कि समिति की मांग है कि वह गुजरात की तर्ज पर मंदिर के तीन किलोमीटर के दायरे में मांस व शराब की बिक्री प्रतिबंधित करे।
इस संबंध में क्षेत्रीय वरिष्ठ नागरिक एवं वरिष्ठ पत्रकार शशिधर इस्सर ने पत्रिका को बताया कि नागरिकों की ओर से तीन साल पहले ही विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में मांस व शराब प्रतिबंधित करने के बाबत हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किया जा चुका है। लेकिन स्थानीय प्रशासन की लीपापोती और गैरजिम्मेदाराना बयान के चलते उस पर अब तक निर्णय नहीं हो सका है। हालांकि नागरिक लगातार इस प्रयास में हैं कि इस पर तत्काल प्रतिबंध लगे। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ गली हो या उससे सटे चौक, बांसफाटक, दशाश्वमेध इलाके में धड़ल्ले से मुर्गा कट रहे हैं। मछलियों का बाजार लग रहा है। शाम होते ही ठेले पर आमलेट बिकने लगते हैं। मंदिर परिक्षेत्र के यलो जोन में स्थित होटल व लॉज में बाकायदा शराब भी परोसी जाती है। धरोहर बचाओ समिति के अध्यक्ष व विशालाक्षी मंदिर के महंत राजनाथ तिवारी ने भी सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर विश्वनाथ मंदिर के इर्द-गिर्द शराब और मांस की बिक्री प्रतिबंधित करने की मांग की है।
उधर संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश् नाथ र नाथ मिश्र का कहना है कि सोमनाथ और काशी विश्वनाथ की प्रकृति में अंतर है। बाबा विश्वनाथ तो अघोरी हैं। औघड़ रूप में उनका पूजन अर्चन होता है। कहा कि किसी की तर्ज पर कोई काम नहीं किया जाना चाहिए। जहां तक मांस व शराब की बिक्री प्रतिबंधित करने का मामला है तो इस तरह की कोई भी कार्रवाई डंडे के बल पर नहीं हो सकती है। इसके लिए लोगों को समझा कर, उन्हें इसके लिए प्रेरित कर के ही किया जाना चाहिए।
Published on:
06 May 2018 12:42 pm
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