
धर्म की नगरी काशी में अपने पितरों के लिए पूरी दुनिया से लोग त्रिपिंडी श्राद्ध के लिए आते हैं। इस बार 30 सितंबर से 14 अक्टूबर तक पितृपक्ष मनाया जाएगा। ऐसे धर्म की नगरी काशी में पिशाच मोचन कुंड पर तैयारियां अपने अंतिम चरण में है, लेकिन काशी का यह मुक्ति पथ अव्यवस्थाओं का शिकार है। पिशाचमोचन तीर्थ पुरोहितों के अनुसार अगले 14 दिनों में रोजाना 20 से 30 हजार श्रद्धालु यहां आएंगे लेकिन नगर निगम की तरफ से एक भी शौचालय की व्यवस्था यहां नही है । इसके विपरित भू माफिया सड़क किनारे की जमीन टीन शेड लगाकर कब्जा कर रहे हैं ।
20 से 30 हजार रोजाना आएंगे श्रद्धालु
पिशाच मोचन कुंड के प्रधान सेवक मुन्ना लाल पांडे ने बताया कि इस बार 30 सितंबर से 14 अक्टूबर तक पितृपक्ष पड़ रहा । यहां रोजाना 20 से 30 हजार और पूरी दुनिया से इन 14 दिनों में लाखों श्रद्धालु अपने पितरों का श्राद्ध करने आयेंगे, पर यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के नाम पर कुछ नही है। शासन की तरफ से एक शौचालय भी नही बनाया गया है। सभी घाट पुरोहितों ने अपने अपने एक एक शौचालय बना रखे हैं । इसके अलावा कोई व्यवस्था नहीं है। पितृपक्ष में बुजुर्गों और महिलाओं को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
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पार्किंग की जगह कर ली रातों रात कब्जा
वहीं एक अन्य पिशाचमोंचन तीर्थ पुरोहित प्रदीप पांडे ने बताया कि शौचालय के अलावा यहां पार्किंग की जो जगह पिछले 60 सालों से हम देखते आ रहे हैं उसपर भी एक स्थाई व्यक्ति ने रातों रात टीन शेड लगाकर कब्जा कर लिया, उसके कारण आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं । सरकार हर मंदिर के पास सड़को को चौड़ा और सुविधा बढ़ाया रही है पर पिशाचमोचन कुंड जो युगों से सनातन धर्म के पितरों का श्राद्ध करा रहा उसकी कोई सुध नहीं ले रहा ।
जिलाधिकारी से की मांग
मुन्ना लाल पांडे ने कहा कि नगर निगम ने कुछ दिन पहले कायाकल्प की बात कही तो सभी अखबारों ने छापा पर हालत देख के स्वतः ही कायाकल्प की बात समझी जा सकती है। उन्होंने जिलाधिकारी एस राजलिंगम से मांग की कि इस मामले में संज्ञान लेने और मौके का निरीक्षण का व्यवस्थाओं की जानकारी कर सबसे पहले यहां शौचालय निर्माण और अभी 14 दिन के लिए मोबाइल शौचालय की व्यवस्था करें ।
Updated on:
28 Sept 2023 02:16 pm
Published on:
28 Sept 2023 02:15 pm
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