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पीएम मोदी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘नमो घाट’ बनकर हुआ तैयार, जल्द किया जाएगा जनता को समर्पित

वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ डी. वासुदेवन ने बताया कि करीब 21,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बन रहे इस घाट की लागत लगभग 34 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि यह लगभग आधा किलोमीटर लम्बा है और इसका पहला चरण पूरा हो गया है। उन्होंने बताया इसके निर्माण में मेक इन इंडिया पर विशेष ध्यान दिया गया है।  

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भगवान शिव की नगरी काशी (अब वाराणसी) को घाटों की नगरी भी कहा जाता है। यहां के 84 घाटों के साथ ही एक और नये घाट का नाम का नाम जुड़ गया है, जिसे ‘खिड़किया’ या (नमो) घाट के नाम से भी जाना जाएगा। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस घाट का उद्घाटन कर सकते हैं। मीडिया की खबरों के मुताबिक नमो घाट पर हाथ जोड़े हुए तीन अभिवादन करती आकृतियां बनाई गई हैं। सूर्य का अभिवादन और गंगा को प्रणाम करते हाथों के इन तीनों शिल्पों की वजह से इस घाट को लोग 'नमो' घाट कहते हैं। इस घाट से जल मार्ग और वायु मार्ग को भी जोड़ा जाएगा। जिससे कि पर्यटक अन्य शहरों तक सुगमता से जा सकें।

34 करोड़ की लागत से बनकर हुआ तैयार

खबरों के मुताबिक खिड़किया घाट के प्रथम चरण का काम लगभग समाप्ति की ओर है। इस घाट के निर्माण में करीब 34 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस घाट से जल मार्ग और वायु मार्ग को भी जोड़ा जाएगा ताकि पर्यटक अन्य शहरों तक जा सकें।

लोगों के आकर्षण का केंद्र बना नमो घाट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 84 घाटों के साथ ही में यह नया घाट लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ डी. वासुदेवन ने बताया कि करीब 21000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बन रहे इस घाट की लागत लगभग 34 करोड़ रुपये है।

पहले चरण का काम पूरा

उन्होंने बताया कि यह लगभग आधा किलोमीटर लम्बा है और इसका पहला चरण बनकर तैयार हो गया है। उन्होंने बताया ' इसके निर्माण में 'मेक इन इंडिया' पर विशेष ध्यान दिया गया है।

'वोकल फॉर लोकल' भी दिखेगा

इस घाट पर 'वोकल फॉर लोकल' भी दिखेगा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु बनारस की सुबह देखने के बाद यहां शाम को गंगा आरती में शामिल हो सकेंगे। यहां ओपन थियेटर, लाइब्रेरी, बनारसी खान पान के लिए फूड कोर्ट की व्यवस्था है।

बहुउद्देशीय प्लेटफार्म भी होगा

यहां एक बहुउद्देशीय प्लेटफार्म भी होगा, जहां हेलीकॉप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है। मुख्य महाप्रबंधक ने बताया 'यहां श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम सुगम दर्शन का टिकट ले सकते हैं। जेटी से बोट द्वारा वे श्रीकाशी विश्वनाथ धाम जा सकेंगे।

बाढ़ से घाट रहेंगे सुरक्षित

इंजीनियर इंडिया लिमिटेड के प्रबंधक दुर्गेश ने बताया कि घाट के निर्माण में जिस सामग्री का इस्तेमाल किया गया है उससे बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि देखने में खिड़किया घाट पुराने घाटों की तरह है, यहां तक गाड़ियां जा सकती हैं और घाट पर ही वाहन के लिए पार्किंग की व्यवस्था है।